Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बच्चों की मजेदार कविता : बंदर जी की सत्य कथा

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
दाढ़ी के डिब्बे से बंदर, 
भाग गया लेकर सामान।
दाढ़ी उसकी बहुत बड़ी है,
अभी-अभी आया है ध्यान।
 
लगा गाल में साबुन उसने, 
रेजर खूब चलाई।
दाढ़ी में से नदी खून की,
तेजी से बह आई।
 
घबराकर बंदर भैया ने,
फेंकी रेजर ब्लैड।
रोते-रोते बैठ गए वे, 
पकड़े अपना पेट।
 
नकल किसी की भी करने से,
होता है नुकसान।
बंदरजी की सत्य कथा यह,
सुनो खोलकर कान।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

આગળનો લેખ
Show comments