Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

15 अगस्त पर कविता : विजयश्री...

15 अगस्त पर कविता : विजयश्री...
- रामकिशोर शुक्ल 'विशारद' 
 
आपसी कलह के कारण से।
वर्षों पहले परतंत्र हुआ।। 
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस।
को अपना देश स्वतंत्र हुआ।।
 
उन वीरों को हम नमन करें।
जिनने अपनी कुरबानी दी।।
निज प्राणों की परवाह न कर।
भारत को नई रवानी दी।। 
 
उन माताओं को याद करें।
जिनने अपने प्रिय लाल दिए।।
मस्तक मां का ऊंचा करने।
को उनने बड़े कमाल किए।।
बिस्मिल, सुभाष, तात्या टोपे।
आजाद, भगत सिंह दीवाने।।
सिर कफन बांधकर चलते थे।
आजादी के यह परवाने।।
 
देश आजाद कराने को जब।
पहना केसरिया बाना।
तिलक लगा बहनें बोली।
भैया, विजयी होकर आना।।
 
माताएं बोल रही बेटा।
बन सिंह कूदना तुम रण में।।
साहस व शौर्य-पराक्रम से।
मार भगाना क्षणभर में।।
 
दुश्मन को धूल चटा करके।
वीरों ने ध्वज फहराया था।।
जांबाजी से पा विजयश्री।
भारत आजाद कराया था।।
 
स्वर्णिम इतिहास लिए आया।
यह गौरवशाली दिवस आज।।
श्रद्धा से नमन कर रहा है।
भारत का यह सारा समाज।।
 
जय हिन्द हमारे वीरों का।
सबसे सशक्त शुभ मंत्र हुआ।।
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस। 
को अपना देश स्वतंत्र हुआ। 
 
साभार - देवपुत्र 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

जन्माष्टमी पर कविता : ब्रज दर्शन की रेल...