Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

करवा चौथ 2019 आज : कब करें पूजा, कब निकलेगा चांद

Webdunia
करवा चौथ पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद अहम माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं और जिन महिलाओं की शादी होने वाली है वह अपने पति की लम्बी आयु और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए निर्जला यानी बिना अन्न और जल का व्रत रखती हैं। इस व्रत को कई स्‍थानों पर करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
 
करवा चौथ के दिन शाम को स्त्रियां चंद्रमा को जल अर्पण करती हैं और फिर चांद और पति को छलनी से देखती हैं। इसके बाद वे अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत पूरा करती हैं। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करने का विधान है। चंद्रमा आने के बाद महिलाएं उसके दर्शन करती है, चंद्रमा को जल चढ़ाकर भोजन ग्रहण करती हैं।  
 
क्‍या है करवा चौथ के दिन पूजन का मुहूर्त
 
करवा चौथ के दिन पूजा का समय शाम 5:55 पर शुरू होगा और शाम 7:09 पर समय खत्म होगा।
 
 
हर शहर का चंद्रोदय का समय अलग-अलग होगा किन्तु शाम 08:11 से 8.16 तक लगभग सभी जगह चंद्रोदय होने का खगोलीय संकेत है
 
जरूरी है चांद देखना
करवा चौथ के दिन चंद्रमा का उदय शाम 8 बजकर 14 मिनट पर होगा। इस दिन महिलाएं चंद्रमा को देखे बिना न तो कुछ खाती हैं और न ही पानी ग्रहण करती हैं। चंद्रमा का उदय होने के बाद सबसे पहले महिलाएं छलनी में से चंद्रमा को देखती हैं फिर अपने पति को. इसके बाद पति अपनी पत्नियों को लोटे में से जल पिलाकर उनका व्रत पूरा करवाते हैं। चांद देखे बिना यह व्रत अधूरा रहता है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

क्या है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास,समुद्र से निकली थी यहां माता की मूर्ति

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

दिवाली पर मां लक्ष्मी को बुलाने के लिए करें ये 5 उपाय, पूरे साल रहेगी माता लक्ष्मी की कृपा

दिवाली से पहले घर से हटा दें ये पांच चीजें, तभी होगा मां लक्ष्मी का आगमन

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali 2024 Outfit Tips : दिपावाली पर सूट को करें यूं स्टाइल, हर कोई करेगा आपकी तारीफ

देवी लक्ष्मी के अवतार पद्मावती को समर्पित है आंध्र प्रदेश का श्रीपद्मावती देवी मंदिर, जानिए क्या है खासियत?

शुद्ध 24 कैरेट की नहीं होती ज्वैलरी, खरा सोना चाहिए तो निवेश के लिए ये हैं बेहतर विकल्प

श्री धन्वंतरि चालीसा

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

આગળનો લેખ
Show comments