Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Karwa Chauth 2023 Date: करवा चौथ का व्रत कब रखा जाएगा

Webdunia
karwa chauth date time Muhurat: करवा चौथा व्रत कार्तिक माह की कृष्‍ण चतुर्थी के दिन रखा जाता है। यह व्रत अधिकतर उत्तर भारत की महिलाओं के बीच प्रचलित है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर पति की लंबी उम्र की कामना से चांद को देखकर ही व्रत खोलती हैं। इस कठिन व्रत की परंपरा भी कठिन है। आओ जानते हैं कि वर्ष 2023 में कब रखा जाएगा यह व्रत।
 
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- 31 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09 बजकर 30 मिनट पर।
चतुर्थी तिथि समाप्त- 01 नवम्बर 2023 को रात्रि 09 बजकर 19 मिनट तक।
 
कब है करवा चौथ 2023: 1 नवंबर 2023 को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा।
करवा चौथ व्रत समय: सुबह 06:39 से रात्रि 08:59 तक।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम को 06:05 से 07:21 तक।
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय (मुंबई टाइम अनुसार): रात्रि 08 बजकर 59 मिनट पर।
 
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन और रात।
 
करवा चौथ पर्व की पूजन सामग्री | karva chauth ki puja samagri:
 
कुंकुम, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मेंहदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिन्दूर, मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूँ, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, दक्षिणा के लिए पैसे। सम्पूर्ण सामग्री को एकत्रित कर लें।
करवा चौथ पूजन विधि | karva chauth pooja ka saral tarika vidhi:
 
- सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन लें तथा शृंगार भी कर लें।
 
- स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें। व्रत के दिन निर्जला रहे यानि जलपान ना करें।
 
- प्रातः पूजा के समय इस मन्त्र के जप से व्रत प्रारंभ किया जाता है- 
 
'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
 
अथवा-
ॐ शिवायै नमः' से पार्वती का, 
'ॐ नमः शिवाय' से शिव का, 
'ॐ षण्मुखाय नमः' से स्वामी कार्तिकेय का, 'ॐ गणेशाय नमः' से गणेश का तथा 
'ॐ सोमाय नमः' से चंद्रमा का पूजन करें।
 
- शाम के समय, मां पार्वती की प्रतिमा की गोद में श्रीगणेश को विराजमान कर उन्हें बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी अथवा लकड़ी के आसार पर शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की स्थापना करें। 
 
- मूर्ति के अभाव में सुपारी पर नाड़ा बांधकर देवता की भावना करके स्थापित करें। 
 
- इसके बाद मां पार्वती का सुहाग सामग्री आदि से श्रृंगार करें।
 
- भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करें और कोरे करवे में पानी भरकर पूजा करें। 
 
- एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित करें।
 
- सौभाग्यवती स्त्रियां पूरे दिन का व्रत कर व्रत की कथा का श्रवण करें। 
 
- चंद्रोदय के बाद चांद को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से जल एवं मिष्ठान खाकर व्रत खोले।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras jhadu: धनतेरस पर कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदें?

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

Diwali 2024: धनतेरस और दिवाली पर वाहन खरीदनें के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त | Date-time

આગળનો લેખ
Show comments