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हनुमानजी की भक्ति के लिए इन 7 में से पढ़ें कोई एक, मिलेगी तत्काल कृपा

हनुमानजी की भक्ति के लिए इन 7 में से पढ़ें कोई एक, मिलेगी तत्काल कृपा

अनिरुद्ध जोशी

, सोमवार, 6 अप्रैल 2020 (11:09 IST)
हनुमान जयंती पर आप करें बजरंगबली की निम्निलिखित 7 तरह से भक्ति रामदूत की कृपा आपको तुरंत मिलेगी। पाठ पढ़ने या मंत्र पढ़ने के नियम जरूर जा लें। चैत्र माह की हनुमान जयंती बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।

 
1.करें रोज जय-जयकार : 1. शंकर सुवन हनुमानजी की जय, 2. अंजनी पुत्र हनुमानजी की जय, 3. केसरीनंदन हनुमानजी की जय, 4. पवनपुत्र हनुमानजी की जय, 5. रामदूत हनुमानजी की जय, 6. असुरनिकंदन हनुमानजी की जय, 7. संकटमोचन हनुमानजी की जय, 8. महावीर हनुमानजी की जय, 9. कपिराज हनुमानजी की जय और 10. वानरयूथ प्रमुख हनुमानजी की जय।
 
 
2.हनुमान चालीसा : प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। वह भी एक ही जगह बैठकर। रामचरित मानस लिखने के पहले गोस्वामी तुलसीदासजी ने हनुमान चालीसा की ही रचना की थी। इसमें 40 छंद होते हैं जिसके कारण इसको चालीसा कहा जाता है। यदि कोई भी इसका पाठ करता है तो उसे चालीसा पाठ बोला जाता है। आधुनिक युग की भागमभाग में हनुमान चालीसा ही एक ऐसा पाठ है जिसे तुरंत ही आसानी से पढ़ा जा सकता है।

 
जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार (जेल) हो गई है, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के कुकर्म नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। हनुमानजी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं।

 
3.बजरंग बाण : यदि आपको राहु और केतु सता रहे हैं और कोई काम नहीं बन रहे हैं या आपके ऊपर मौत का सया मंडरा रहा है तो मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी का बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। यह शत्रु बाधा से मुक्ति भी दिलाता है। लेकिन इस पाठ को करने के लिए पवित्रता और निर्मलता रखना होती है। यदि आप सच्चे हैं तो बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं। इस पाठ से 21 दिन में तुरंत फल मिलता है।

 
4.सुंदरकांड : महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण पर आधारित महाकाव्य रामचरित मानस का पंचम सोपान है सुंदरकाण्ड। सुंदरकाण्ड में रामदूत, पवनपुत्र हनुमान का यशोगान किया गया है। सुंदरकाण्ड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। किसी भी प्रकार की परेशानी या संकट हो, सुंदरकाण्ड के पाठ से यह संकट तुरंत ही दूर हो जाता है। सुंदरकांड ने भूत, पिशाच, यमराज, राहु, केतु और यमराज सभी का भय दूर हो जाता है।
 
 
5. हनुमान अष्टक : हर संकट से मुक्ति के लिए संकटमोचन हनुमानाष्टक का करें पाठ किसी भी प्रकार का कैसा भी बड़ा और भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी है।

 
6.हनुमान बहुक : यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें। हनुमान जी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।

 
7.हनुमान जी का चमत्कारिक मंत्र:- 
1.सामान्य मं‍त्र : ॐ हनुमते नमः या तंत्र मंत्र ॐ हं हनुमते नम।
 
2.हवन मंत्र : 
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
 
3.साबर मंत्र :
1.
साबर अढाईआ मंत्र :-
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा,
तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
 
2.
ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
 
3.
।।ओम गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम,
धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि
आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा,
लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा,
शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
 
4.श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा)
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्‍डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी‍ का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ
नौ खंड का भू‍त, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट
पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।
 
चेतावनी : हनुमानजी के साबर मंत्र पढ़ने या जपने के कुछ नियम होते हैं पहले उन्हें जान लें। 

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