Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Hanuman janmotsav 2023 : हनुमान जन्मोत्सव पर कौन-सा पाठ करें, हनुमान चालीसा या सुंदरकाण्ड का पाठ?

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार, 5 अप्रैल 2023 (17:49 IST)
हनुमानजी का जन्म चैत्र माह में पूर्णिमा के दिन चित्रा नक्षत्र के अभिजित मुहूर्त में हुआ था। 6 अप्रैल को चित्र नक्षत्र रहेगा और दोपहर को अभिजित महुर्त भी रहेगा। कई शुभ योग और संयोग में इस बार हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आओ जानते हैं कि हनुमान पूजा और आरती के बाद या पहले हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए या कि सुंदरकांड।
 
हनुमान चालीसा : हनुमान चालीसा हमारे सभी तरह के संकट, बंधन और दुखों का समाधान करती है। खासकर यह बंधनों को काटकर जीवन में सुख और शांति स्थापित करती है। हनुमानजी के जन्मोत्सव पर हमें कम से कम 51 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना ही चाहिए। तुलसीदासजी को जब अकबर ने कैद करने का सोचा तो तुलसीदासजी ने इसका पाठ प्रारंभ कर दिया था जिसके चलते चमत्कार हुआ और अकबर के दरबार में न जाने कहां से हजारों की संख्या में बंदलों ने आक्रमण कर दिया। अंत में अकबर ने हार मान ली थी।
 
नित्य हनुमान चालीसा बढ़ने से आपमें आध्यात्मिक बल, आत्मिक बल और मनोबल बढ़ता है। इसे पवित्रता की भावना महसूस होती है। शरीर में हल्कापन लगता है और व्यक्ति खुद को निरोगी महसूस करता है। इससे भय, तनाव और असुरक्षा की भावना हट जाती है। जीवन में यही सब रोग और शोक से मुक्त होने के लिए जरूरी है।
सुंदरकांड का पाठ : हनुमानजी के जन्मोत्सव और विशेष दिनों में सुंदरकांण का पाठ करने का प्रचलन है। सुंदरकाण्ड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। जीवन में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो आप संकल्प लेकर लगातार सुंदरकांड का पाठ करें। इसी के साथ ही किसी भी प्रकार की आपकी कोई मनोकामना हो तो उसे पूर्ण करने के लिए मनोयोग से विधिवत रूप से सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमान जयंती पर सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

दिवाली की रात में करें ये 7 अचूक उपाय तो हो जाएंगे मालामाल, मिलेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

धर्म संसार

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Kali chaudas 2024: नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं भूत चौदस, किसकी होती है पूजा?

Bach Baras 2024: गोवत्स द्वादशी क्यों मनाते हैं, क्या कथा है?

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव कैसे मनाया जाता है?

Show comments