देवकी व वसुदेव पिछले जन्म में प्रजापति थे, तब उन्होंने भगवान की तपस्या की थी। भगवान के प्रसन्न होने पर वरदान में दोनों ने उनसे वर मांगा कि आप हमारे घर में पुत्र रूप में जन्म लें। दोनों के मनोरथ पूर्ण करने व धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि 12 बजे देवकी व वसुदेव के घर जन्म लिया।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस को जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अपने लग्न के अनुसार पूजन करने से कान्हा से मनचाहा वरदान मिलता है।
मेष लग्न- केसर व लाल चंदन दान दें।
वृषभ लग्न- चांदी व सफेद वस्त्र दान दें।
मिथुन लग्न- पन्ना व हरा वस्त्र दान दें।
कर्क लग्न- सफेद मोती व अन्न दान दें।
सिंह लग्न- माणक व गुलाबी वस्त्र दान दें।
कन्या लग्न- मूंगा व मूंग दान दें।
तुला लग्न- डायमंड व सफेद वस्त्र दान दें।
वृश्चिक लग्न- हीरा व गेहूं दान दें।
धनु लग्न- पीतल व चना दाल दान दें।
मकर लग्न- गोमेद व काला वस्त्र दान दें।
कुंभ लग्न- नीलम व ऊनी वस्त्र दान दें।
मीन लग्न- सोना व पीला वस्त्र दान दें।