Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

जगन्नाथ रथयात्रा 2023 : जड़ी-बूटी, खिचड़ी, दलिया एवं फ़लों के रस से स्वस्थ होंगे जगन्नाथ

पं. हेमन्त रिछारिया
भगवान जगन्नाथ हुए बीमार
 
हमारी हिन्दू परम्परा में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्त्व होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन उड़ीसा स्थित जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का महोत्सव मनाया जाता है। जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा जी के काष्ठ विग्रहों को स्नान हेतु मन्दिर से बाहर लाया जाता है। इस यात्रा को पहांडी कहते हैं। श्रीविग्रहों को मन्दिर से बाहर लाने के पश्चात् उन्हें सूती परिधान धारण करवाकर पुष्प आसन पर विराजमान किया जाता है। 
 
पुष्प आसन पर विराजमान करने के पश्चात् भगवान जगन्नाथ को 108 स्वर्ण पात्रों द्वारा कुएं के चन्दन मिश्रित शीतल जल से स्नान कराया जाता है। शास्त्रानुसार कथा है कि भगवान जगन्नाथ ने स्वयं महाराज इंद्रद्युम्न को मन्दिर के सम्मुख एक वट वृक्ष के समीप एक कुआं खुदवा कर उसके शीतल जल से अपना स्नान कराने का आदेश दिया था एवं इस स्नान के पश्चात् 15 दिनों तक किसी को भी उनके दर्शन ना करने का निर्देश दिया।

 ज्येष्ठ की भीषण गर्मी में शीतल जल से स्नान के कारण भगवान जगन्नाथ को ज्वर (बुखार) आ जाता है और वे अस्वस्थ हो जाते हैं। शास्त्रानुसार भगवान जगन्नाथ के अस्वस्थ होने को उनकी ज्वरलीला कहा जाता है। इस अवधि में केवल उनके वैद्य व निजी सेवक जिन्हें दयितगण कहा जाता वे ही उनके एकान्तवास में प्रवेश कर सकते हैं। पन्द्रह दिनों की इस अवधि को अनवसर कहा जाता है।

अनवसर के इस काल में भगवान जगन्नाथ को स्वास्थ्य लाभ के लिए जड़ी-बूटी, खिचड़ी, दलिया एवं फ़लों के रस का भोग लगाया जाता है। अनवसर काल के पश्चात् भगवान जगन्नाथ पूर्ण स्वस्थ होकर अपने भक्तों से मिलने के लिए रथ पर सवार होकर निकलते हैं जिसे सुप्रसिद्ध "रथयात्रा" कहा जाता है। प्रतिवर्ष यह "रथयात्रा" आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है।

जगन्नाथ रथयात्रा : 20 जून 2023 को श्रीगुण्डीचा मंदिर के लिए भ्रमण करेंगे जगन्नाथ, जानिए खास बात

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali Muhurat Trading 2024: कब होगा शेयर बाजार में दिवाली का मुहूर्त ट्रेडिंग 31 अक्टूबर या 01 नवंबर, NSE ने किया स्पष्ट

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras jhadu: धनतेरस पर कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदें?

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

આગળનો લેખ
Show comments