नई दिल्ली। दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन चुके स्मार्टफोन अब लोगों के रिश्तों में खटास बढ़ाने का काम कर रहे हैं। स्मार्ट उपकरण विनिर्माता वीवो के एक रिचर्स में सोमवार को बताया गया कि स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण से भारत में विवाहित जोड़ों के संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है।
साइबर मीडिया के रिचर्स स्मार्टफोन और मानवीय संबंधों पर उनका असर 2022 में 67 प्रतिशत लोगों ने यह स्वीकार किया कि अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताने के दौरान भी वे अपना फोन देखने में व्यस्त रहते हैं। 89 प्रतिशत ने कहा कि अपने जीवनसाथी के साथ हल्की-फुल्की बातचीत में उन्होंने कम वक्त दिया जबकि वे चाहते तो अधिक समय दे सकते थे।
इसमें स्मार्टफोन यूजर्स ने यह माना कि आमने-सामने की बातचीत ज्यादा राहत देनी वाली होती है लेकिन इसके लिए वे कम वक्त देते हैं।
इसमें कहा गया कि अध्ययन में शामिल लोगों में से 84 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने जीवनसाथी के साथ और वक्त गुजारना चाहते हैं। लोग समस्या को स्वीकार कर रहे हैं और इसे बदलने के लिए भी तैयार हैं। 88 प्रतिशत लोगों ने यह माना कि स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल का असर जीवनसाथी के साथ उनके रिश्ते पर पड़ रहा है।
इसमें 90 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपने जीवनसाथी के साथ अर्थपूर्ण बातचीत करके ज्यादा वक्त बिताना चाहते हैं।
रिचर्स के मुताबिक, स्मार्टफोन यूजर्स प्रतिदिन औसतन 4.7 घंटे इस उपकरण को देखते हुए बिताते हैं और यह अवधि पति और पत्नी दोनों के लिए एक समान है। 73 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवनसाथी की यह शिकायत रहती है कि वे उनके साथ अधिक समय बिताने की बजाय फोन में ज्यादा उलझे रहते हैं।
इसमें कहा गया कि रिसर्च में पता चला कि 70 प्रतिशत लोग जब स्मार्टफोन देख रहे होते हैं और ऐसे में उनका जीवसाथी उनसे कुछ कहता है तो वे झल्ला जाते हैं।
66 प्रतिशत ने यह महसूस किया कि स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से जीवनसाथी के साथ उनका संबंध कमजोर हुआ है।
यह रिचर्स दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद तथा पुणे में 1,000 लोगों पर किया गया।
वीवो इंडिया के प्रमुख (ब्रांड रणनीति) योगेंद्र श्रीरामुला ने कहा कि आज के जीवन में स्मार्टफोन का महत्व नि:संदेह है लेकिन इसके अत्यधिक इस्तेमाल को लेकर यूजर्स को थोड़ा सावधान रहना चाहिए। भाषा