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अकेले के दम पर लड़ाई लड़ता रहा राहुल...

अकेले के दम पर लड़ाई लड़ता रहा राहुल...

सीमान्त सुवीर

, बुधवार, 9 मई 2018 (01:31 IST)
जयपुर। वह अकेला योद्धा था जो आखिरी दम तक अपनी टीम के लिए लड़ाई लड़ता रहा और अंत में वक्त और परिस्थितियों के हाथों हार गया। आईपीएल-11 में मंगलवार को राजस्थान रॉयल्स की टीम भले ही किंग्स इलेवन पंजाब पर 15 रनों की जीत का जश्न मना रहा था लेकिन सबकी जुबां पर इस परिणाम से कहीं ज्यादा केएल राहुल का नाम था, जो पंजाब के लिए 95 रनों की पारी खेलने के बाद भी नाबाद रहे। 
 
केएल राहुल एक 'वन मैन आर्मी' की तरह सवाई मानसिंह स्टेडियम की पिच पर जमे रहे, अंतिम गेंद तक पंजाब को जीत के लिए 20 रनों की जरूरत थी। राजस्थान ने 20 ओवर में 8 विकेट पर 158 रन बनाए थे जबकि पंजाब की टीम इतने ही ओवरों में 7 विकेट खोकर 146 रन ही बना सकी।
 
केएल राहुल बतौर सलामी बल्लेबाज मैदान पर उतरे और 70 गेंदों में 11 चौकों व 2 छक्कों की मदद से 95 रनों पर नाबाद रहे। यानी कुल जमा 146 रन में अकेले राहुल के नाम 95 रन थे। सीधा सा मतलब है कि शेष आउट होने वाले पंजाब के 7 बल्लेबाज केवल 51 रन ही बना सके।
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केएल राहुल ने पूरी पारी में स्वीप शॉट, रिवर्स स्वीप और न जाने कितने आकर्षक स्ट्रोक्स खेले, जिनकी प्रशंसा की जाना जरूरी है। वे अपनी टीम के लिए आखिरी समय तक किला लड़ाते रहे। 
 
कुल मिलाकर इस आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम एक ही बल्लेबाज की टीम बनकर रह गई है। यदि राहुल या गेल चले निकले तो जीत वरना हार तो मिलनी ही है। 
 
जयपुर में 95 रनों की पारी खेलने के पूर्व इंदौर में भी उन्होंने 54 गेंदों पर 84 रनों की नाबाद पारी खेलकर पंजाब को जीत दिलाई थी। पंजाब के आईपीएल के पहले मैच में 14 गेंदों में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड भी केएल राहुल के नाम ही दर्ज है। 
 
आर. अश्विन की कप्तानी वाली पंजाब टीम मध्यम क्रम में अब तक आधा दर्जन बल्लेबाजों को इस्तेमाल कर चुकी है लेकिन सभी फ्लॉप रहे। यहां तक कि अश्विन को आज तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरना पड़ा, फिर भी बात नहीं बनी। इसका यह मतलब निकला कि राहुल या गेल चल पड़े तो पंजाब के 'वारे-न्यारे' वरना हाथ मलते रह जाइए... 
 
राहुल की आज की पारी में बेहद नवीनता नजर आई। कहां तो पंजाब को 12 गेंद में 48 और 6 गेंद में जीत के लिए 32 रनों की जरूरत थी जबकि 1 गेंद में जीत का फासला 20 रन रह गया, तब भी अंतिम गेंद पर उन्होंने चौका जड़ डाला। पंजाब की पारी में सिर्फ 2 छक्के निकले और वे दोनों राहुल के बल्ले से ही निकले।
 
जहां एक ओर यह मैच राहुल बनाम राजस्थान हो गया था, वहीं दूसरी तरफ अजिंक्य रहाणे की तारीफ करनी होगी, जिन्होंने बढ़िया कप्तानी की और वे गेंदबाजी रोटेट करते रहे। मानसिंह की मृत पिच पर जब राजस्थान ने लड़खड़ाते हुए 158 रन बनाए तो यह मैच बेहद नीरस-सा मालूम पड़ा लेकिन बाद में राहुल की बल्लेबाजी ने इसमें नया रोमांच भरकर दर्शकों के पैसे वसूल करवा दिए।
 
इस जीत के साथ ही राजस्थान आठवें और अंतिम पायदान से उछलकर छठे स्थान पर पहुंच गया है। राजस्थान ने जयपुर में पंजाब पर अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा। आईपीएल के पांच मुकाबलों में राजस्थान को कभी भी पंजाब नहीं हरा पाया है। 

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