नई दिल्ली। अपनी बेबाकी के लिए चर्चित भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कप्तानी छोड़ने, खराब फॉर्म और अंतिम एकादश से बाहर किए जाने जैसे अपने कड़वे अनुभवों के बाद स्पष्ट कहा है कि आईपीएल 2018 उनके करियर का सबसे निराशाजनक सत्र रहा है।
आईपीएल 2018 में कोलकाता नाइटराइडर्स ने उसे 2 बार चैंपियन बनाने वाले गंभीर को रिटेन करने के बाद नीलामी तक में नहीं खरीदा, तो वहीं टूर्नामेंट की फिसड्डी टीम दिल्ली की कमान मिलने के बावजूद गंभीर उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। दिल्ली के खराब प्रदर्शन के कारण टीम 14 मैचों में 10 अंक जीतकर आखिरी 8वें नंबर पर रही।
गंभीर ने टीम के खराब प्रदर्शन के बाद बीच में ही अपनी कप्तानी को छोड़ दिया जिसके बाद श्रेयस अय्यर को टीम का नेतृत्व सौंपा गया। टूर्नामेंट में गंभीर खराब कप्तानी ही नहीं बल्कि बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भी आलोचनाओं का शिकार बने और टीम का नेतृत्व बदलते ही 2 बार का चैंपियन कप्तान एकादश तक से बाहर हो गया।
36 वर्षीय क्रिकेटर ने अंग्रेजी दैनिक में लिखे अपने कॉलम में साफ शब्दों में कहा कि आईपीएल-2018 उनके करियर का सबसे निराशाजनक संस्करण रहा है। गंभीर ने लिखा कि कई लोग पूछते हैं कि कप्तानी छोड़ने के बाद मैंने खेला क्यों नहीं, लेकिन मेरा जवाब साफ है कि जब मुझे एकादश में चुना ही नहीं गया, तो मैं खेलता कैसे? (वार्ता)