Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

भारतीय राजनयिक ने बताया, किसने बिगाड़े भारत - पाकिस्तान व्यापारिक संबंध?

भारतीय राजनयिक ने बताया, किसने बिगाड़े भारत - पाकिस्तान व्यापारिक संबंध?
, शनिवार, 18 मार्च 2023 (14:36 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त सुरेश कुमार ने लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध कभी भी बंद नहीं किए और देश व्यापारिक संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है। कुमार ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिए कि हम अपनी समस्याओं और स्थितियों को कैसे बदल सकते हैं।
 
समाचार पत्र डॉन की खबर के मुताबिक, सुरेश कुमार ने कहा कि भारत हमेशा पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहता है, क्योंकि हम अपना भूगोल नहीं बदल सकते। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों की ओर बढ़ना चाहते हैं। हमने पाकिस्तान के साथ व्यापार भी नहीं रोका। पाकिस्तान ने ही ऐसा किया था।
 
नई दिल्ली के 2019 में जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया था। साथ ही इस्लामाबाद में भारत के उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया गया था।
 
उन्होंने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, और इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है।
 
पाकिस्तान के साथ भारत का व्यापार 2020-21 में 32.92 करोड़ अमेरिकी डॉलर और 2019-20 में 83.05 करोड़ अमेरिकी डॉलर का था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय दूतावास द्वारा पाकिस्तानियों को जारी किए जाने वाले वीजा की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अब यह संख्या अब बढ़ गई है। भारत सरकार पाकिस्तानियों को चिकित्सा और खेल वीजा जारी कर रही है। आज कूटनीति पर्यटन, व्यापार और प्रौद्योगिकी से प्रभावित हो रही है।
 
उन्होंने जोर देकर कहा कि आयात हमेशा गलत नहीं होते हैं और इसके फायदे भी होते हैं। गौरतलब है कि भारत इस समय चीन के साथ 120 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार कर रहा है, जिसमें व्यापार संतुलन चीन की ओर है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

महू कांड पर आमने-सामने कांग्रेस और भाजपा, पाटीदार और आदिवासी वोट बैंक को लेकर छिड़ी सियासी लड़ाई!