रियाद। भारत समेत कई देशों में महिलाओं का सरेआम लड़ना, एक दूसरे की चोटी पकड़कर हाथापाई करना आम बात है लेकिन खाड़ी के देशों में ऐसा नहीं है। वह भी तब जबकि सोशल मीडिया का दीवानापन पूरी दुनिया में सिर चढ़कर बोल रहा हो।
सऊदी अरब में 2 महिलाओं को हर संदेश पर 10 कोड़े मारे जाने की सजा सिर्फ इसलिए दी गई क्योंकि उसने दूसरी महिला को व्हाट्सऐप पर गालियां दी थी।
यूं भी सऊदी अरब में सोशल मीडिया के लिए भारत जैसी आजादी नहीं है। वहां पर कानून सख्त है। सऊदी में पिछले छह महीनों में 220 सोशल मीडिया अपराध मामलों की जांच की गई।
अधिकारियों का मानना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से जुड़े अधिकांश मामलों में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। सोशल मीडिया में इन अपराधों के बढ़ने का कारण अपराध व्हाट्स ऐप, स्नेपचैट और ट्विटर का इस्तेमाल करना बताया जा रहा है।
पता चला है कि यहां की दो महिलाओं को उनके व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत के कारण 10 कोड़ों की सजा दी गई। ये महिलाओं एक-दूसरे को व्हाट्स ऐप पर एक-दूसरे को गालियां दे रही थी और बेइज्जती कर रही थी।
सऊदी अरब में एक अन्य मामलों में अपनी गर्लफ्रेंड को ब्लैकमेल करने वाले एक शख्स पर अपने मोबाइल फोन में उसके अश्लील क्लिप्स रखने का मामला चल रहा है।
2014 में एक ब्लॉगर रायफ बदावी को इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स के जरिए इस्लाम की बेइज्जती करने के लिए गिरफ्तार किया गया। रायफ बदावी को 1 हजार कोड़े और 10 साल की जेल की सजा हुई। बदावी को 2015 में पहले 50 कोड़े मारे गए थे।
2015 में एक महिला को 70 कोड़ों ओर 5332 डॉलर चुकाने की सजा इसलिए दी गई क्योंकि उसने व्हाट्सऐप पर एक सऊदी पुरुष की बेइज्जती की थी।
यह भी जानकारी सामने आई है कि कुछ पुरुषों ने पत्नियों से व्हाट्सऐप पर ही तलाक दे दिया। 2014 में एक सऊदी पुरुष ने पत्नी को इसलिए तलाक दिया क्योंकि उसने व्हाट्सऐप संदेशों का जवाब नहीं दिया था।
एक अन्य मामले में एक पुरुष ने पत्नी को इसलिए तलाक दिया क्योंकि उसके भाई और उसके पति के बीच व्हाट्सऐप ग्रुप में बहस हो गई थी।
सऊदी अरब में सोशल मीडिया पर पूरी तरह आजादी नहीं है और इस पर सतत नजर रखी जाती है। जो लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करते हैं, उन्हें कड़ी सजा देने का भी प्रावधान है।