वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की आशंका अब भी बनी हुई है। उनका यह बयान तब आया है, जब अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन यूरोप में बढ़ते संकट के बीच क्षेत्र की यात्रा पर रवाना हुए हैं।
बाइडन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ऐसा कोई भी कदम खुद को चोट पहुंचाने वाला साबित होगा। उन्होंने मॉस्को को आगाह किया कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश निर्णायक रूप से प्रतिक्रिया देंगे। अमेरिका इस मुद्दे को हल करने के लिए कूटनीतिक तरीके से बातचीत के लिए अब भी तैयार हैं। उसने कहा कि रूस के 1,50,000 से अधिक सैनिक अब भी यूक्रेन सीमा पर एकत्रित हैं।
क्रेमलिन ने यूक्रेन पर हमला करने की योजना से बार-बार इंकार किया है, लेकिन मांग की है कि नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को अपने सदस्यों के तौर पर शामिल न करें। बाइडन ने मंगलवार को यहां व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि आक्रमण की आशंका अब भी बनी हुई है, इसलिए मैंने कई बार कहा है कि सभी अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित लौटने में देर करने से पहले यूक्रेन छोड़ देना चाहिए। हमने अपना दूतावास अस्थायी रूप से कीव से लीव स्थानांतरित कर दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध की आवश्यकता थी, लेकिन अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो यह मर्जी से किया गया युद्ध या बिना वजह का युद्ध होगा। मैं उकसावे के लिए नहीं, बल्कि सच बोलने के लिए ये चीजें कहता हूं क्योंकि सच, जवाबदेही मायने रखती है। अगर रूस आने वाले कुछ दिनों और हफ्तों में हमला करता है तो यूक्रेन के लिए मानवीय क्षति बहुत ज्यादा होगी।
उन्होंने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसकी निंदा करेगा। दुनिया यह नहीं भूलेगी कि रूस ने बिना वजह मौत और बर्बादी चुनी। यूक्रेन पर हमला करना खुद को चोट पहुंचाने वाला साबित होगा। अमेरिका और हमारे सहयोगी निर्णायक रूप से प्रतिक्रिया देंगे।
बाइडन ने कहा कि अमेरिका और नाटो रूस के लिए खतरा नहीं हैं। यूक्रेन, रूस को धमका नहीं रहा है। न ही अमेरिका और न ही नाटो के पास यूक्रेन में मिसाइलें हैं। हमारी वहां मिसाइलें तैनात करने की योजना भी नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों को भेजने से भी इंकार करते कहा कि मैं यूक्रेन में लड़ाई के लिए अमेरिकी सैनिकों को नहीं भेजूंगा। हमने यूक्रेन की सेना को उनकी रक्षा करने में मदद करने के लिए उपकरण भेजे हैं। हमने उन्हें प्रशिक्षण और परामर्श दिया है। अमेरिका पूरी ताकत के साथ नाटो क्षेत्र की एक-एक इंच जमीन की रक्षा करेगा।