Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अमेरिकी संसद ने पारित किया चीन पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक

अमेरिकी संसद ने पारित किया चीन पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक
, शनिवार, 4 जुलाई 2020 (19:59 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद ने हांगकांग में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच चीन के कदम को लेकर उस पर प्रतिबंध लगाने वाला एक विधेयक पारित कर दिया है। चीन ने हांगकांग में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए विवादित कानून को लागू कर दिया है। लोगों को आशंका है कि इस कानून का इस्तेमाल इस अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र में विरोध की आवाजों को दबाने के लिए किया जा सकता है।

अमेरिका के इस विधेयक के तहत हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों समेत उन समूहों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जो हांगकांग की स्वायत्ता और उसके निवासियों की आजादी को कमतर करने की कोशिश करेंगे। साथ ही इस नए सुरक्षा कानून को लागू करने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इस विधेयक में कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के साथ कारोबार करते पाए जाने वाले बैंकों पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।
 
सीनेट ने गुरुवार को इस विधेयक को अंतिम मंजूरी दे दी। इससे एक दिन पहले प्रतिनिधि सभा ने इसे मंजूरी दी थी और अब यह विधेयक व्हाइट हाउस के पास जाएगा।
 
सीनेट में मतदान के मद्देनजर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि विदेशी ताकतों का कोई भी दबाव चीन के संकल्प और राष्ट्रीय संप्रभुत्ता तथा हांगकांग की समृद्धि एवं स्थिरता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को हिला नहीं सकता।उन्होंने अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और हांगकांग के मामलों में हस्तक्षेप न करने तथा प्रतिबंध वाले विधेयक पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध किया।
 
झाओ ने कहा, अगर यह विधेयक कानून बनता है तो चीन निश्चित तौर पर जवाबी कदम उठाएगा और इसके सभी परिणाम अमेरिका को भुगतने होंगे।व्हाइट हाउस ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन गुरुवार को टेलीविजन पर दिए साक्षात्कार में देश में उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने हांगकांग के नए सुरक्षा कानून को चीन के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया।

हांगकांग निवासियों को पनाह दे सकता है ऑस्ट्रेलिया : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उनकी सरकार हांगकांग के उन निवासियों को पनाह मुहैया कराने पर विचार कर रही है जिन्हें इस अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के चीन के कदम से खतरा है।

मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि उनका मंत्रिमंडल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरह के ही अवसरों को मुहैया कराने पर जल्द ही विचार करेगा, जिन्होंने हांगकांग वासियों को नागरिकता की पेशकश की है।

मॉरिसन ने कहा, जब हम इस पर अंतिम निर्णय ले लेंगे तो मैं आपको बताऊंगा। लेकिन अगर आप पूछ रहे हैं कि हम समर्थन देने की तैयारी कर रहे हैं? तो जवाब है : हां।ब्रिटेन ब्रिटिश राष्ट्रीय विदेशी पासपोर्ट के पात्र हांगकांग के 30 लाख निवासियों को आवासन अधिकार दे रहा है जिससे वह पांच वर्षों के लिए ब्रिटेन में रह और काम कर सकेंगे।

ऑस्ट्रेलिया हांगकांग निवासियों को अस्थाई सुरक्षा वीजा दे सकता है जिससे वहां के शरणार्थी देश में तीन वर्षों तक रह सकेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ऑस्ट्रेलिया से इस सुरक्षा कानून को उचित तथा वस्तुनिष्ठ परिदृश्य में देखने का अनुरोध किया।
उन्होंने बीजिंग में कहा, हांगकांग को आड़ बनाकर चीन के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करिए और गलत रास्ते पर चलने से बचिए।(भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

दिल्ली, मुंबई समेत 6 शहरों से कोलकाता के लिए 6 से 19 जुलाई के बीच विमान सेवा पर रोक