काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा तेजी से बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने आशंका जताई है कि विद्रोही संगठन 1-3 महीने में राजधानी काबुल पर कब्जा कर सकता है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बाइडन प्रशासन को चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट सौंपी है। इसमें दावा किया गया है कि अगर तालिबान के हमले इसी तरह से बढ़ते रहे तो अगले 90 दिनों में काबुल पर भी आतंकियों का कब्जा हो जाएगा। इससे पहले खुफिया आंकलन में दावा किया गया था कि तालिबान कम से कम 12 महीनों में अफगानिस्तान पर पूर्ण रूप से नियंत्रण कर पाएगा। अब पहले के जारी खुफिया आंकलन में संशोधन कर दिया गया है।
अमेरिकी सैनिकों की वापसी से इंकार : तालिबान के अफगानिस्तान के बड़े हिस्सों में काबिज होने के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम में किसी भी तरह के परिवर्तन की संभावना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा और अपने लिए तथा अपने देश के लिए लड़ना होगा।
बाइडन ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त देश से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का अप्रैल में आदेश दिया था। पेंटागन ने बताया कि अब तक वहां से 90 फीसदी से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं। सैनिकों और उपकरणों को अफगानिस्तान से वापस लाने का पेंटागन का बड़ा काम लगभग पूरा हो चुका है और अमेरिकी सेना का मिशन 31 अगस्त तक समाप्त हो सकता है।
पूर्वोत्तर हिस्से पर कब्जा : अफगानिस्तान में तालिबान ने 3 और सूबों की राजधानियों और सेना के स्थानीय मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से पर चरमपंथी संगठन का पूर्ण कब्जा हो गया है। इसके साथ ही अब तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान का दो तिहाई हिस्सा चला गया है। तालिबान का कब्जा दो दशक की लड़ाई के बाद अमेरिकी और नाटो सैनिकों की अंतिम वापसी के बीच हुआ है।
पूर्वोत्तर में बदकशान और बगलान सूबे की राजधानी से लेकर पश्चिम में फराह प्रांत तक तालिबान के कब्जे में चला गया है जिससे देश की संघीय सरकार पर अपनी स्थिति मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है क्योंकि कुंदुज प्रांत का अहम ठिकाना भी उसकी हाथ से निकल गया है।
सरदारों से मदद मांगने गए राष्ट्रपति : अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के कब्जे वाले इलाके से घिरे बाल्ख सूबा गए हैं ताकि तालिबान को पीछे धकेलने के लिए स्थानीय सरदारों से मदद मांगी जा सके। तालिबान की बढ़त से फिलहाल काबुल पर सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी गति से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार कब तक अपने दूर दराज के इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी।
कई मोर्चों पर सरकार के विशेष कार्रवाई बलों के साथ लड़ाई चल रही है जबकि नियमित सैनिकों के लड़ाई के मैदान से भागने की खबरे भी आ रही हैं। हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं। इस महीने के अंत तक अपने सैनिकों की वापसी पूरा करने वाला अमेरिका कुछ हवाई हमले कर रहा है लेकिन खुद को जमीनी लड़ाई में शामिल करने से बच रहा है।
अफगान सरकार और सेना ने प्रतिक्रिया मांगे जाने के बाद इन हार पर टिप्पणी नहीं की है। पश्चिमी सूबे फराह के सांसद हुमायूं शहीदजादा ने बुधवार को एसोसिएटेड प्रेस के समक्ष पुष्टि की कि फराह नाम से ही जानी जाने वाली सूबे की राजधानी तालिबान के कब्जे में चली गई है। हाल में पड़ोसी सूबे निमरोज पर तालिबान ने एक सप्ताह के अभियान पर कब्जा कर लिया था।
सैनिक के शव के साथ दरिंदगी : फराह में तालिबान लड़ाके अफगान सुरक्षा बल के एक सैनिक का शव सड़क पर घसीटते नजर आए और इस दौरान वे ईश्वर महान है के नारे लगा रहे थे। तालिबान लड़ाकों के पास एम-16 राइफलें थी और वे राजधानी की सड़कों पर हमवीस फोर्ड पिकअप ट्रक चल रहा रहे थे जिसे अमेरिकियों ने दान किया था। एक तालिबानी लड़ाके ने पहचान जाहिर नहीं करते हुए कहा कि शहर में स्थिति नियंत्रण में हैं। हमारे मुजाहिदीन शहर में गश्त कर रहे हैं। वहीं फराह में दिनभर गोलियों की चलने की आवाज आती रही।
बदकशान के सांसद हुजातुल्ला खेरादमंद ने बताया कि तालिबान ने उनके सूबे की राजधानी फैजाबाद पर कब्जा कर लिया है। एक अफगान अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि बगलान की राजधानी पोली खुमरी भी तालिबानियों के कब्जे में चली गई है और भारी नुकसान हुआ है।
इससे पहले तालिबान ने एक सप्ताह के भीतर कुंदुज प्रांत की राजधानी और अहम शहरों में से एक कुंदुज सहित छह सूबों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया था। दुज के सांसद शाह खान शेरजाद और सूबाई परिषद के सदस्य गुलाम रबानी रबानी ने बताया कि बुधवार को कुंदुज हवाई अड्डे पर स्थित अफगान नेशनल आर्मी के 217वीं कमान का मुख्यालय भी तालिबान के कब्जे में चला गया।
आत्मसमर्पण का वीडियो किया जारी : तालिबान ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें सैनिकों को आत्मसमर्पण करते हुए दिखाया गया है। अफगान नेशनल आर्मी के सात कमान में कुंदुज कमान एक था और उसके तालिबान के कब्जे में जाने को बड़ी क्षति माना जा रहा है।
हालांकि, अबतक स्पष्ट नहीं है कि सेना ने अपने पीछे कितने उपकरण और साजो सामान छोड़े हैं। तालिबान की बढ़त के बाद इलाका छोड़ आए आम नागरिकों ने बताया कि चरमपंथी समूह ने महिलाओं पर पांबदी लगाई है और स्कूलों को जला दिया है। तालिबान के कब्जे वाले इलाके में बदले की कार्रवाई के तहत हत्याओं के मामले भी सामने आए हैं।
Mi-24 हेलीकॉप्टर पर किया कब्जा : आज तालिबान के लड़ाकों ने भारतीय वायुसेना द्वारा गिफ्ट में मिले Mi-24 लड़ाकू हेलीकॉप्टर को भी अपने कब्जे में ले लिया है। अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के लड़ाकों ने अपने हमलों को और तेज करते हुए साल 2019 में भारत सरकार की ओर से मिले दो Mi-24 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों से एक पर कब्जा जमा लिया है।