लंदन। द्वितीय विश्व युद्ध के दिग्गज कैप्टन सर टॉम मूर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके परिवार ने उनकी तस्वीर के साथ एक ट्वीट में मंगलवार को मूर के निधन की जानकारी दी।
अपने चैरिटी वॉक के कारण टॉम मूर इंग्लैंड में बहुत ही प्रसिद्ध हो गए थे। वे कोरोना से संक्रमित हो गए थे। मूर ने स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए पैसे जुटाने के लिए अपने बगीचे में घूमना शुरू किया था।
समाचार-पत्रों की सुर्खियों और टीवी इंटरव्यू के कारण वे जाना माना नाम बन गए। ब्रिटेन के सरकारी अस्पताल एनएचएस के लिए मूर ने 3.3 करोड़ पाउंड (तक़रीबन 3330 करोड़ रुपए) जुटाए थे। टॉम मूर ने एक वॉकिंग फ्रेम की सहायता से प्रत्येक दिन 10 लैप्स चलने का लक्ष्य रखा। उनकी मदद के लिए कई देशों ने दान के लिए हाथ आगे बढ़ाया।
उनके काम के लिए ब्रिटेन की महारानी ने उन्हें नाइट की पदवी से सम्मानित किया गया था। टॉम मूर के लिए पैदल चलना चुनौती था। उनकी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई है और स्किन कैंसर का इलाज भी हुआ था। खड़े होने के लिए वे वॉकिंग फ्रेम की मदद लेते थे, लेकिन उन्होंने पैदल चलकर यह साबित किया कि किसी लक्ष्य को पाने के लिए शारीरिक मुश्किलें कभी बाधा नहीं बन सकती हैं।