Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

James Webb Space Telescope की सफलता के पीछे 3 भारतीय वैज्ञानिक, जानिए कौन हैं?

James Webb Space Telescope की सफलता के पीछे 3 भारतीय वैज्ञानिक, जानिए कौन हैं?
, गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (22:17 IST)
दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन 'James Webb Space Telescope' ने पहली ब्रह्मांड की तस्वीरों को जारी किया था। आपको यह जानकर गर्व होगा कि जेम्स वेब टेलीस्कोप की सफलता के पीछे भारतीय मूल के वैज्ञानिक हैं।

NASA ने 12 जुलाई को  James Webb Space Telescope द्वारा ली गई तस्वीरों को जारी किया था। 10 अरब डॉलर की लागत से बना जेम्‍स वेब टेलिस्‍कोप वैज्ञानिक अभियान के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है। जेम्‍स वेब को लॉन्‍च करने के बाद गत 6 महीने से उसकी टेस्टिंग चल रही थी। इस शक्तिशाली टेलीस्कोप के पीछे हाशिमा हसन, कल्याणी सुखात्मे और कार्तिक सेठ जैसे भारतीय मूल के वैज्ञानिक हैं। आईए जानते हैं वैज्ञानिकों के बारे में 
webdunia
Photo - Twitter
हाशिमा हसन : लखनऊ में जन्मी डॉ. हाशिमा हसन डिप्टी James Webb Space Telescope की डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट हैं। हाशिमा हसन नासा के प्रोग्राम NuSTAR की साइंटिस्ट हैं। नासा ने एक वीडियो में उन्हें स्पेस में कैसे रुचि हुई। वे भारत में ही पली-बढ़ी हैं।  अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हसन ने टाटा इंस्ट्‍यिूट ऑफ रिचर्स में पढ़ाई की है। उसके बाद उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में कार्य किया। हसन ने सैद्धांतिक परमाणु भौतिकी में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। हसन 1994 तक स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट, बाल्टीमोर में ऑप्टिकल टेलीस्कोप असेंबली साइंटिस्ट थीं। इसके बाद वे नासा में चली गईं।
 
कल्याणी सुखात्मे : दो गणित प्रोफेसर्स के यहां जन्मी कल्याणी सुखात्मे मुंबई की हैं। उन्हें अपनी पहली डिग्री 1993 में IIT मुंबई से इंजीनियरिंग भौतिकी में प्रौद्योगिकी स्नातक के लिए मिली थी। नासा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप वेबसाइट के मुताबिक उन्हें इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। 1995 में उन्हें कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त हुई और 1997 में उसी विश्वविद्यालय से भौतिकी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। सुखात्मे 1998 से नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में कार्य कर रही हैं, जहां उन्होंने 2004 से 2009 तक 5 टीम अवॉर्ड जीते हैं। 2012 में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए उन्हें यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पुरस्कार भी मिला है। 
कार्तिक सेठ : नासा की वेबसाइट के मुताबिक पिछले 7 सालों से सेठ एस्ट्रोफिजिक्स और अर्थ साइंस डिवीजन दोनों में प्रोग्राम साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उनके काम में अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों के साथ-साथ अंतरिक्ष मिशनों की देखरेख करना शामिल है।

वे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भी काम करते हैं। इससे पहले सेठ व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के कार्यकारी कार्यालय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति के कार्यालय में अनुसंधान अवसंरचना और विज्ञान इक्विटी के सहायक निदेशक थे। उन्होंने राष्ट्रीय रेडियो खगोल विज्ञान वेधशाला में विविधता और समावेशन कार्यालय के निदेशक के रूप में भी कार्य किया।
ALSO READ: अमेरिका के टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में मिले पहाड़ और घाटियां, नए तारे के निर्माण का फोटो हुआ वायरल
सेठ ने एम्पावर्ड अर्थ एलायंस नामक एक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की। इसका उद्देश्य स्थानीय नेताओं को वैज्ञानिक और व्यावसायिक ज्ञान के साथ सशक्त बनाना है ताकि वे स्थिरता की दिशा में स्वतंत्र रूप से काम कर सकें। 2022 में उन्होंने एजेंसी में अन्य काम के साथ-साथ नस्लवाद विरोधी कार्रवाई समूह का नेतृत्व करने वाले अपने काम के लिए नासा विविधता, इक्विटी और समावेश पुरस्कार जीता।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

केरल में Monkeypox का पहला मामला आया सामने, UAE से लौटा था शख्स