वॉशिंगटन। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो ने फोन पर बात की जिसमें उन्होंने कोरोनावायरस वैश्विक महामारी से निपटने तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र समेत अंतरराष्ट्रीय चिंता के मामलों के संबंध में द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को लेकर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रधान उपप्रवक्ता कैले ब्राउन ने बताया कि दोनों नेताओं ने हिन्द-प्रशांत और विश्वभर में समृद्धि एवं शांति कायम रखने और सुरक्षा मजबूत करने में भारत एवं अमेरिका के संबंधों की महत्ता की बात दोहराई।
भारत और अमेरिका ने संसाधन समृद्ध हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत की। इस क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इस मामले पर 2018 में गोवा में हुई भारत-अमेरिका समुद्री सुरक्षा वार्ता के तीसरे दौर में भी विस्तार से बातचीत हुई थी। अमेरिका रणनीतिक रूप से अहम भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत को बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है।
ब्राउन ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों में निकट सहयोग जारी रखने एवं इस वर्ष बाद में अमेरिका-भारत 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता और चतुष्पक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हिन्द-प्रशांत में अहम समुद्री मार्गों को चीन के प्रभाव से मुक्त करने के लिए नई रणनीति विकसित करने के मकसद से नवंबर 2017 में चतुष्पक्षीय गठबंधन को आकार दिया था। पहली 'टू प्लस टू' वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी।
ब्राउन ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान जयशंकर और पोम्पियो ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने, अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को समर्थन देने और क्षेत्र को अस्थिर करने वाले हालिया कदमों समेत अंतरराष्ट्रीय चिंता के मामलों पर जारी द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। दोनों नेता कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के दौरान लगातार संपर्क में हैं। इस महामारी से विश्वभर में 7 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1 करोड़ 90 लाख लोग संक्रमित हैं। (भाषा)