ऑकलैंड, (न्यूजीलैंड)। अगर हमारी गर्भनाल नहीं होती तो हममें से कोई भी यहां नहीं होता, यह एक ऐसा उल्लेखनीय भ्रूण अंग है, जिसने जन्म से पहले हमारा पोषण किया। लेकिन इसके महत्व के बावजूद, गर्भनाल या प्लेसेंटा सबसे कम अध्ययन किए गए अंगों में से एक है और हम पूरी तरह से यह नहीं जानते हैं कि यह कैसे बढ़ता है और कैसे कार्य करता है।
गर्भनाल के बारे में अधिक जानकारी का न होना एक बड़ी समस्या का कारण है क्योंकि दस में से एक भ्रूण का प्लेसेंटा ठीक तरीके से काम नहीं करता है, जिससे भ्रूण की वृद्धि रूकने (एफजीआर) जैसे गर्भावस्था संबंधी विकार पैदा होते हैं। इसमें एक बच्चे की वृद्धि नाटकीय रूप से धीमी हो जाती है या रुक जाती है। पूरे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में, यह हर साल 30,000 से अधिक भ्रूण को प्रभावित करता है, और इस विकार के चलते मृत शिशु पैदा होने की संभावना चार गुना अधिक होती है।
आधुनिक अल्ट्रासाउंड इमेजिंग उपकरण और नई प्रौद्योगिकियां जैसे मां के खून में भ्रूण डीएनए परीक्षण अभी तक यह अनुमान नहीं लगा पाए हैं कि किस भ्रूण का विकास धीमा होने का जोखिम होता है। भ्रूण का विकास रूकने के बाद ही इसका पता चल पाता है।
जोखिम वाले भ्रूण की शीघ्र पहचान और इस संबंध में पहले से पता लगाने में मदद के लिए हमने कंप्यूटर की सहायता से एक आभासी गर्भनाल विकसित किया है। इसे सहज गर्भावस्था और समस्याग्रस्त गर्भावस्था से जुड़े क्लिनिकल और प्रयोगशाला आंकड़ों को एकत्र करके तैयार किया गया है।
प्लेसेंटा के कई कार्य हैं। यह मां के रक्त से बच्चे को पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाता है, बच्चे के अपशिष्ट को वापस मां तक पहुंचाता है और महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन करता है जो मां के शरीर को गर्भावस्था के अनुकूल बनाता है।
हम जानते हैं कि धूम्रपान सहित कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं, जो बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन बिना किसी जोखिम वाली स्वस्थ महिलाओं में भी गर्भावस्था संबंधी विकार हो सकते हैं और ऐसी संस्कृति में जहां माताएं अक्सर खुद को दोष देने के लिए उतावली होती हैं, महिलाओं के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि भ्रूण का विकास शायद ही कभी इस बात से प्रभावित होता है कि गर्भवती मां ने क्या किया है या क्या नहीं किया।
भ्रूण के विकास का अनुमान लगाने का सबसे आम तरीका मां के पेट पर एक टेप माप है, लेकिन यह तकनीक केवल 10 प्रतिशत सही परिणाम देती है और वसायुक्त पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं में तो यह दर और भी कम होती है। आधे से अधिक मामलों में प्रसव से पहले भ्रूण के विकास के संबंध में पता नहीं चल पाता।
स्वास्थ्य विकारों का पता लगाने के लिए आभासी अंग में भ्रूण के विकास के बारे में पता लगाने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है। डॉक्टरों को जितनी जल्दी यह पता चलेगा कि भ्रूण जोखिम में हैं, उतना ज्यादा अच्छा है। फिलहाल इलाज के विकल्प तो सीमित हैं, लेकिन डॉक्टर गर्भावस्था की अधिक बारीकी से निगरानी करके प्रसव के बारे में उचित निर्णय ले सकते हैं।
यह उतना आसान नहीं है, क्योंकि गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों के शरीर में जल्दी-जल्दी बदलाव आते हैं और हम गर्भवती माताओं को अधिक परीक्षण, या अल्ट्रासाउंड, या ऐसी प्रक्रियाओं से गुजरने के लिए नहीं कह सकते हैं, जो गर्भावस्था को जोखिम में डाल सकती हैं।
वर्चुअल प्लेसेंटा हमें भावी मां पर उन परीक्षणों के बोझ को जोड़े बिना गर्भावस्था को और अधिक बारीकी से देखने की अनुमति देता है, जिनसे एक गर्भवती मां को गुजरना पड़ता है। आभासी अंग, या वास्तव में आभासी मनुष्य, कोई नई अवधारणा नहीं है।
कई दशकों से वैज्ञानिक यह अनुमान लगाने के लिए भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के साथ शारीरिक ज्ञान का संयोजन कर रहे हैं कि शरीर रचना विज्ञान में परिवर्तन विभिन्न अंगों के कार्य को कैसे प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन कैसे प्रभावित करते हैं कि शरीर के चारों ओर रक्त प्रसारित करने के लिए हृदय को कितनी मेहनत करनी पड़ती है।
गर्भनाल वृक्षों के घने जंगल की तरह होती है। बच्चे की अपनी रक्त वाहिकाएं इन पेड़ों की शाखाओं के अंदर होती हैं, जबकि मां के गर्भाशय से रक्त बाहर की ओर बहता है। इन दोनों परिसंचरणों में रक्त कैसे प्रवाहित होता है, यह जानना महत्वपूर्ण हो सकता है।
अभी हाल ही में एक तकनीक से वर्चुअल प्लेसेंटा के माध्यम से इस रक्त प्रवाह और विनिमय के विवरण को जानना संभव हो सका है, जिससे वैज्ञानिक यह जान पाएंगे कि अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसी इमेजिंग में बच्चे के विकास को बाधित करने वाले प्लेसेंटा को कैसे पहचाना जा सकता है।
हम उम्मीद करते हैं कि इस ज्ञान का उपयोग जोखिम वाले गर्भधारण की भविष्यवाणी करने के नए तरीके विकसित करने के लिए किया जाएगा, ताकि हम भ्रूण के विकास में बाधा डालने वाले मुद्दों को रोकने में मदद कर सकें, और सभी बच्चों को जीवन की बेहतर शुरुआत दे सकें।(द कन्वरसेशन)