Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

ऋषि सुनक को झटका, लिज ट्रस को 69 फीसदी लोगों का समर्थन

ऋषि सुनक को झटका, लिज ट्रस को 69 फीसदी लोगों का समर्थन
, बुधवार, 3 अगस्त 2022 (21:08 IST)
लंदन। ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच कराए गए नवीनतम सर्वेक्षण के बुधवार को आए नतीजों के मुताबिक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में विदेश मंत्री लिज ट्रस ने पूर्व चांसलर ऋषि सुनक पर व्यापक बढ़त बना ली है। सर्वेक्षण में शामिल 69 प्रतिशत लोगों ने ट्रस समर्थन किया जबकि सुनक के पक्ष में 31 प्रतिशत लोग रहे।
 
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य ही नए नेतृत्व के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा लेंगे और निर्वाचित नेता मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी बनेगा। ‘द टाइम्स’ के लिए यूगॉव ने गत 5 दिनों में सर्वेक्षण किया और पाया कि ट्रस ने सुनक पर लगभग 38 प्रतिशत की बढ़त बना ली है। मौजूदा मंत्रिमंडल की सदस्य ट्रस का सर्वेक्षण में शामिल 69 प्रतिशत लोगों ने समर्थन किया जबकि सुनक के पक्ष में 31 प्रतिशत लोग रहे।
 
उल्लेखनीय है कि यूगॉव द्वारा ही 20 जुलाई को कराए गए सर्वेक्षण में ट्रस को जहां 62 प्रतिशत समर्थन मिला था, वहीं सुनक के पक्ष में 38 प्रतिशत लोग दिखे थे।
 
यूगॉव ने नवीनतम आंकड़ों के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री पद की शुरुआती दौड़ में कंजर्वेटिव पार्टी के 21 प्रतिशत सदस्य तय नहीं कर पा रहे थे कि वे कैसे और किसके पक्ष में मतदान करेंगे। यह आंकड़ा अब गिरकर 13 प्रतिशत रह गया है और इसका सबसे अधिक लाभ ट्रस को होता दिख रहा है।
 
सर्वेक्षण के मुताबिक, ट्रस के पक्ष में दिख रहे 83 प्रतिशत सदस्यों ने कहा कि वे उनका समर्थन करने का मन बना चुके हैं जबकि 17 प्रतिशत सदस्यों ने कहा कि वे अपना मन बदल सकते हैं। ‘द टाइम्स’ के मुताबिक कंजर्वेटिव पर्टी के 60 प्रतिशत सदस्यों का कहना है कि वे ट्रस के पक्ष में मतदान करेंगे जबकि 26 प्रतिशत ने सुनक का समर्थन किया। बाकी अभी तय नहीं कर पा रहे हैं किसका साथ दिया जाए।
 
सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि ट्रस सभी आयुवर्ग और देश के विभिन्न हिस्सों में सुनक से आगे चल रही हैं। केवल एक श्रेणी में ट्रस के मुकाबले सुनक को बढ़त मिली है और वह है पार्टी के उन सदस्यों का समर्थन जिन्होंने 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में ही बने रहने का समर्थन किया था। हालांकि, यह विरोधाभास है कि सुनक ने ब्रेक्जिट (यूरोपीय संघ से अलग होने) का समर्थन किया था जबकि ट्रस संघ में बने रहने के पक्ष में थीं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

महिला का आरोप, पति-ससुर करते हैं लड़कियां सप्लाई, UPWC की फटकार से आंसू पोंछते नजर आए दरोगा