कैलिफोर्निया। अमेरिका दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह बार्कली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। हालांकि राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें खुद से बेहतर वक्ता बताया।
राहुल ने मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह जानते हैं कि भीड़ में जो तीन-चार तरह के अलग-अलग समूह हैं उन तक संदेश को कैसे पहुंचाया जाए। इस वजह से उनका संदेश ज्यादा लोगों तक पहुंच पाता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की आज आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी का निर्णय अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था और इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दो प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। गांधी दो सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर आए हुए हैं और वह ‘समकालीन भारत एवं विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का भविष्य’ मुद्दे पर बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के छात्रों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आठ नवंबर का नोटबंदी का फैसला मुख्य आर्थिक सलाहकार या संसद की सलाह के बिना लिया गया था और इससे अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी से देश को भयानक कीमत चुकानी पड़ी है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'भारत के बेमिसाल संस्थागत ज्ञान को नजरअंदाज कर इस तरह का निर्णय लेना मूर्खतापूर्ण और खतरनाक है।'
उन्होंने आगे कहा कि भारत में हर रोज 30 हजार नए युवा श्रम बाजार में पहुंच रहे हैं जबकि सरकार प्रति दिन के हिसाब से रोजगार के महज 500 अवसर मुहैया करा पा रही है।
उन्होंने कहा, 'आर्थिक वृद्धि में गिरावट से आज देश में लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। सरकार की नोटबंदी और हड़बड़ी में लाये गये जीएसटी जैसी आर्थिक नीतियों से खतरनाक नुकसान हुआ है।'
गांधी ने सरकार पर नोटबंदी से लाखों लोगों को तबाह करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के परिणाम के रूप में लाखों छोटे कारोबार तबाह हो गए। किसान एवं अन्य लोग जो नकदी का इस्तेमाल करते हैं, बुरी तरह प्रभावित हुए। कृषि काफी बुरी स्थिति में है और देश में किसानों की आत्महत्याएं आसमान छू रही हैं।'
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि नोटबंदी से आयी गिरावट पूर्वानुमान के हिसाब से ही है और मध्यम तथा दीर्घ अवधि में अर्थव्यवस्था को इससे लाभ मिलेगा।
जेटली का यह बयान तब आया जब रिजर्व बैंक ने कहा कि बंद किए नोटों में से 99 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में लौट आए हैं। जेटली ने यह भी कहा था कि बैंकों में पैसे के जमा होने का मतलब सारे नोटों का वैध होना नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा, 'भारत में अधिकतर दलों में यह समस्या है... अखिलेश यादव एक वंश के वारिस हैं... स्टालिन एक वंश के वारिस हैं ... यहां तक कि अभिषेक बच्चन भी एक वंश के वारिस है। भारत इसी तरह चलता है। इसलिए मेरे पीछे नहीं पड़ें क्योंकि भारत इसी तरह चलता है। अंबानी कारोबार चला रहे है। इंफोसिस में भी यही चल रहा है। भारत में ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कई लोग हैं जिनका किसी वंशवादी परिवार से ताल्लुक नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं हर राज्य में उनका नाम बता सकता हूं। ऐसे भी लोग है, जिनके पिता या दादी या परदादा राजनीति में रहे हैं। ऐसे भी लोग हैं। उन्होंने कहा कि असल सवाल यह है, क्या वह व्यक्ति वास्तव में सक्षम है और क्या वह वास्तव में संवेदनशील है।
गांधी ने कहा कि भाजपा अधिकतर उन्हीं कार्यक्रमों को लागू कर रही है जो कांग्रेस के शासन में शुरू किए गए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने मूल खाका हमसे उधार लिया है, लेकिन वह खाका काम नहीं करता क्योंकि हम यह जानते हैं। इसने काम करना बंद कर दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी के अहिंसा के विचार पर आज भारत में हमला हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अहिंसा के विचार ने ही लोगों की इस बड़ी संख्या को एक साथ खड़ा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की भी आलोचना की।
राहुल गांधी ने कहा कि जहां तक अमेरिका (के साथ संबंध में) की बात है, मैं उनकी स्थिति से पूरी तरह इत्तेफाक रखता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि वे भारत को कमजोर बना रहे हैं क्योंकि यदि आप नेपाल की ओर देखते हैं, तो चीनी वहां है। यदि आप बर्मा को देखते हैं, तो वहां चीनी हैं। यदि पर श्रीलंका को देखें, तो वहां चीनी हैं। यदि आप मालदीव को देखे, तो वहां चीनी हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं (विदेश नीति की) मूल दिशा.... अमेरिका के साथ मित्रता, अमेरिका के साथ निकट संबंध को लेकर सहमत हूं, लेकिन भारत को अलग थलग नहीं कीजिए क्योंकि यह खतरनाक है।'