बाली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में जो संदेश दिया था उसकी प्रतिध्वनि जी20 शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में बुधवार को सुनाई दी। घोषणापत्र में नेताओं ने यूक्रेन युद्ध को तत्काल खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा कि 'आज का युग, युद्ध का युग नहीं होना चाहिए।'
2 दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत में एक विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और दुनिया के लिए इसके प्रभावों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। इसमें कहा गया कि संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकटों को दूर करने के प्रयास, साथ ही कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं। आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के इतर 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान में पुतिन के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने कहा था 'आज का युग, युद्ध का नहीं है' और उन्होंने संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूसी नेता से आग्रह किया था।
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो का कहना है कि जी20 घोषणापत्र में रूस-यूक्रेन पैराग्राफ पर गहन चर्चा हुई थी। जी20 बाली घोषणापत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेदों की बात स्वीकार करते हुए कहा गया कि अधिकांश सदस्यों ने इसकी कड़ी निंदा की है।
घोषणापत्र के मुताबिक अधिकतर सदस्यों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध भारी मानवीय पीड़ा का कारण बना जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा कमजोरियों को और बढ़ाया। अधिकांश सदस्यों ने कहा कि यूक्रेन युद्ध से विकास बाधित हुआ, मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई और ऊर्जा व खाद्य असुरक्षा बढ़ी।
बाली घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि शांति और स्थिरता की रक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून और बहुपक्षीय व्यवस्था को कायम रखना जरूरी है। इसमें सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की सुरक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान भी किया गया।
मोदी ने की ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज से मुलाकात : बाली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर बुधवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और बातचीत में शिक्षा और नवाचार क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया।
मोदी 2 दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बाली में हैं। सम्मेलन मंगलवार को शुरू हुआ था। ट्विटर पर मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने अल्बनीज के साथ व्यापार और समुद्री सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। मोदी ने ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री अल्बनीज से मिलकर खुशी हुई। व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की तथा शिक्षा, नवाचार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। हमने व्यापार और समुद्री सहयोग बढ़ाने पर भी बात की।
चीन के आक्रामक तेवर के बीच सामरिक दृष्टि से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्थिर करने में भी दोनों देशों ने अहम भूमिका निभाई है। भारत, ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष स्तरीय व्यापारिक साझेदारों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश एवं व्यापार विभाग के मुताबिक माल और सेवाओं में दोतरफा व्यापार 2007 में 13.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2020 में 24.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta