विमान में तकनीकी खराबी के कारण 36 घंटे तक फंसे रहने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आखिरकार मंगलवार को भारत से अपने घर के लिए रवाना हो सके। ट्रूडो और उनका प्रतिनिधिमंडल 8 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आने के बाद से दिल्ली में फंसे हुए थे।
जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा जारी गतिविधियों को लेकर ट्रूडो के समक्ष अपनी चिंता जताई थी। उन्हें दो दिन बाद घर वापस जाना था। लेकिन उनके एयरबस विमान में एक खराबी के कारण ट्रूडो को भारत में ही रुकना पड़ा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के प्रेस सचिव मोहम्मद हुसैन के हवाले से कहा कि तकनीकी समस्या हल हो गई और विमान को उड़ान भरने की मंजूरी मिल गई। इससे पहले सीबीसी न्यूज ने बताया था कि कनाडाई वायु सेना के CC-150 पोलारिस विमान, जो ट्रूडो को लेने जा रहा था, को लंदन की ओर मोड़ दिया गया जबकि इसको रोम से होकर जाना था। अनिर्धारित डायवर्जन का कोई कारण नहीं बताया गया।
34 साल पुराना है विमान : ट्रूडो आमतौर पर जिस विमान का उपयोग करते हैं वह 34 साल पुराना है और इसमें पहले भी इसमें तकनीकि खराबी आ चुकी है। अक्टूबर 2016 में इसे बेल्जियम के लिए प्रस्थान करने के आधे घंटे बाद ही ओटावा लौटना पड़ा। इसके बाद यह 16 महीने के लिए सेवा से बाहर हो गया। जब ट्रूडो ने दिसंबर 2019 में लंदन में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया, तो एक बैकअप विमान को रोक दिया गया था।