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नौ देशों में प्लेग फैलने की चेतावनी

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गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017 (15:51 IST)
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नौ देशों को सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है क्योंकि इन देशों में मेडागास्कर से आने वाली उड़ानों से इन देशों में प्लेग फैलने का ज्यादा खतरा है। विदित हो कि मेडागास्कर में पहले से ही प्लेग के कारण देश के सभी बड़े शहरों में भय और संत्रास की स्थिति बनी हुई है।

विश्व संगठन का कहना है कि सबसे बड़ा खतरा यह है कि बीमारी आसपास के क्षेत्रों में फैल सकती है और कम से कम नौ देशों- कोमोरोज, इथियोपिया, सेशेल्स, केन्या, मॉरीशस, मोजाम्बीक, ला रियूनियन (फ्रांस), दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया- हैं।  
 
मेडागास्कर से इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसायटीज की प्रतिनिधि क्रिस्टीन साउथ का कहना है कि इस बात की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं कि समुद्री कारोबारी रास्तों और हवाई उड़ानों से यह बीमारी आसपास के देशों में फैल सकती है।
 
बीमारी का फैलाव एक बड़ा खतरा माना जा रहा है क्योंकि इस बीमारी ने यहां न्यूमोनिक आकार ले लिया है।इसका अर्थ है कि यह हवा से फैल रही है और लोगों की छींकने और खांसने से फैल रही है।विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी और अधिक फैल सकती है क्योंकि अभी तक 124 लोग मारे जा चुके हैं और 1300 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं।
 
प्लेग बीमारी के उस दौर की भयानक महामारी की याद दिलाती है जब यूरोप में इसके प्रकोप से 13 वीं और 14 वीं सदी में एक तिहाई आबादी समाप्त हो गई थी। इति‍हास में इसे काली मौत के नाम से जाना जाता है। इस महामारी के बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अशोक चोपड़ा का कहना है कि अभी तक यह बीमारी अपने समूचे आकार में नहीं फैली है। उनका कहना है कि बीमारी आस पास के इलाकों में नियमित हवाई उड़ानों के चालू रहने से और भी खतरा है।
 
रेड क्रॉस के अधिकारियों ने मेडागास्कर के एंटानैनारावो से कहा है कि देश में आने वाले पर्यटकों को सावधान कर दिया है कि वे यहां नहीं आएं। यह वही शहर है जहां प्लेग फैल चुकी है। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि प्रत्येक हैल्थकेयर चेकपाइंट पर एक डॉक्टर तैनात कर दिया गया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसी स्थिति नहीं आना देना चाहते हैं ताकि यह बीमारी न्यूमोनिक आकार (छींकने और खांसने) के चलते और अधिक फैल जाए और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए।
 
डॉक्टरों का कहना है कि ' पहले ज्यादातर मामले ब्यूबोनिक प्लेग (गिल्टी प्लेग) के थे लेकिन इस बार सत्तर फीसदी मामले न्यूमोनिक प्लेग के हैं जोकि बीमारियों में सबसे ज्यादा घातक है। ऐसे लोगों का अगर जल्दी से उपचार नहीं किया जाता है तो ये जल्दी मरने भी लग जाएंगे।'इस बीमारी से अब तक करीब 1300 लोग प्रभावित हैं और वे एकाएक बुखार आने, सिर दर्द और शरीर में दर्द, उल्टियां होने और जी मितलाने का शिकार हो गए हैं।  
 
डॉ. चोपड़ा का कहना है कि यह बीमारी बड़ी तेजी से फैलती है और मेडागास्कर में मात्र एक सप्ताह के अंदर इसके मरीजों की संख्‍या दो गुनी हो गई है। हाल के दिनों में बीमारी के लक्षण सेशेल्स में भी फैलने की आशंका जाहिर की जा रही है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस क्षेत्र में बीमारी का फैलाव मध्यम गति से हो सकता है क्योंकि यहां से पड़ोसी हिंद महासागर और अन्य दक्षिण व पूर्वी अफ्रीकी देशों के लिए हवाई और समुद्री यातायात बहुत कम है।  

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