सिडनी। पॉटी (मानव मल) को देकर पैसे कमाने का विचार शायद ही किसी के दिमाग में आया हो लेकिन यह ऑस्ट्रेलिया में पैसे कमाने का जरिया बन रहा है। पूप डोनर्स को उनकी हर डिलिवरी के लिए 50 डॉलर तक का पेमेंट किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज में लोग अपनी पॉटी बेच करके एक साल में 13 हजार डॉलर यानी करीब साढ़े 8 लाख रुपए तक कमा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में पॉटी की इतनी मांग इसकी चिकित्सकीय मामलों में इस्तेमाल को लेकर है। खासतौर पर इसका इस्तेमाल
फीकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लांट (FMT) में होता है। इस ट्रांसप्लांट में डोनर के मल को दवाइयों के साथ मिलाकर मरीज में डाला जाता है। 'पूप ट्रांसप्लांट' ऑटिजम से लेकर क्रॉनिक डायरिया तक के इलाज में भी मदद करता है।
डोनर्स की कमी को देखते हुए सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज ने पॉटी देनेवालों को इन्सेंटिव देने का विचार किया। सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज में गैसट्रोएनट्रॉलजिस्ट प्रोफेसर थॉमस बोरॉडी ने टेलिग्राफ को बताया कि उन्होंने अब तक 12 हजार FMT किए हैं।
हालांकि, इस इलाज में मदद के लिए पॉटी डोनेट करने वालों का स्वस्थ होना जरूरी है। उनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI)भी सही होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं उनके लिए पौष्टिक भोजन जैसे ताजा सब्जियां, दालें और फल खाना भी जरूरी है।