बीजिंग। चीन ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आज उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के चीन दौरे और राष्ट्रपति शी चिनफिंग से उनकी मुलाकात की पुष्टि की।
उ. कोरिया तथा चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि उन जिनपिंग से मिले हैं और उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने का वचन दिया है। उधर, जिनपिंग ने अपने विभिन्न पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती बनाए रखने का वादा दिया है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी‘ शिन्हुआ’ की एक खबर के अनुसार किम रविवार से बुधवार तक चार दिन के अनाधिकारिक दौरे पर बीजिंग पहुंचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार किम सीमा पार से आने वाली एक विशेष ट्रेन से चीन पहुंचे और उनकी वापसी भी इसी ट्रेन से होनी है। बेहद गोपनीय रखे गए इस दौरे पर शी ने बीजिंग स्थित‘ ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल’ में किम से मुलाकात की।
रिपोर्ट के अनुसार शी और उनकी पत्नी पेंग लीयुआन ने किम और उनकी पत्नी री सोल- जू का गुलदस्ते से स्वागत किया और एकसाथ कलात्मक प्रस्तुति देखी। प्रधानमंत्री लीक्विंग, उप राष्ट्रपति वांग किशान और सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइन के अन्य शीर्ष नेता भी इस दौरान मौजूद रहे।
बातचीत के दौरान शी ने किम का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोबारा सीपीसी का महासचिव, सेना प्रमुख तथा राष्ट्रपति के तौर पर पांच वर्ष का दूसरा कार्यकाल शुरू करने पर दिए उनके शुभकामना संदेश की सराहना की। शी ने कहा कि किम का चीन दौरा एक विशेष समय पर हो रहा है और इसका बड़ा महत्व है। उन्होंने किम से कहा कि हम इसे एक बेहद प्रभावशाली बैठक के तौर पर देख रहे हैं।
किम ने कहा कि चीन में हाल ही में लगातार कई बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं और साथ ही उन्होंने शी के दूसरी बार चुने जाने का जिक्र भी किया। किम का यह पहला विदेश दौरा है। यह दौरा उनके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ निर्धारित शिखर सम्मेलन से पहले ठीक पहले हुआ है।
किम के साथ बातचीत के दौरान शी ने कहा कि चीन और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के बीच पारंपरिक दोस्ती थी, जिसने दोनों पक्षों को बहुमूल्य संपत्ति दी। डीपीआरके उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम है।
किम ने कहा कि दोनों देशों के बीच परंपरागत मित्रता के कारण उनके लिए शी को बधाई देने आना आवश्यक था। ‘शिन्हुआ’ ने शी के हवाले से कहा कि चीन-डीपीआरके की पारंपरिक दोस्ती को आगे बढ़ाते हुए इसे विकसित करना चाहिए।
उन्होंने शी के हवाले से कहा कि यह एक रणनीतिक विकल्प है और इतिहास एवं भविष्य, अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय ढ़ांचे और चीन-डीपीआरके संबंधों की सामान्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों द्वारा लिया गया यह एकमात्र सही निर्णय है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को अपनी-अपनी घरेलू स्थिति के बारे में भी जानकारी दी।