Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

शांति का नोबेल पुरस्कार आईसीएएन को, क्या है आईसीएएन...

Webdunia
शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2017 (14:59 IST)
आईसीएएन यानि इंटरनेशनल कैंपेन टू अबॉलिश न्यूक्लियर वेपन संस्था को 2017 का शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। इस संस्था ने परमाणु हथियारों के खात्मे के अभियान में अहम रोल अदा किया है।  
 
नोबेल कमेटी आईसीएएन  संस्था को उनके बेहतरीन काम के लिए नोबेल के शांति पुरस्कार के लिए चुना है। इस संस्था ने दुनियाभर में विनाशकारी हथियारों की दौड़ में मानवजाति के कल्याण के लिए सराहनीय काम किया है।

आईसीएएन 100 से ज्यादा देशों में काम कर रही है। संस्था को नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर को ओस्लो में प्रदान किया जाएगा। अपने परमाणु हथियार विरोधी अभियान की शुरुआत संस्था ने 2007 में विएना में की थी। 

नॉर्वे की नोबेल समिति के मुताबिक आईसीएएन को यह पुरस्कार दुनिया को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बाद भयावह परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए उसके प्रयासों की वजह से दिया गया है।

नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में पोप फ्रैंसिस, सऊदी के ब्लॉगर रैफ बदावी, ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ भी शामिल थे। समिति ने पुरस्कार की घोषणा के समय कहा कि हम इसके जरिए सभी परमाणु हथियार संपन्न देशों को यही संदेश देना चाहते हैं कि अगर वे इसका इस्तेमाल करते हैं तो यह कितना विनाशकारी साबित हो सकता है। 
 
नॉर्वे की समिति ने कुल 300 नामांकनों में से इंटरनैशनल कैंपेन टु अबॉलिश न्यूक्लियर वेपंज को इस साल के शांति पुरस्कार के लिए चुना है। समिति के मुताबिक आईसीएएन ने परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाया है। पुरस्कार की घोषणा ओसलो में की गई। हालांकि नॉर्वे की समित‍ि ने यह नहीं बताया कि इस पुरस्कार के लिए किनके नामों पर विचार किया गया, लेकिन यह बताया गया कि पुरस्कार के लिए 215 लोगों और 103 संस्थाओं को नामांकित किया गया था।
 
बता दें कि जुलाई में 122 देशों ने यूएन के परमाणु हथियारों को निषेध करने के लिए संधि पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे परमाणु हथियार संपन्न देशों ने खुद को इस वार्ता से दूर रखा था। आईसीएएन को नोबेल शांति पुरस्कार ऐसे समय में दिया गया है जब उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपने सबसे शक्तिशाली परमाणु बम का परीक्षण किया और अमेरिका के साथ उसका तनाव बरकरार है।  
 
आईसीएएन संस्था पिछले 10 सालों से वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों पर बैन लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। संस्था का मानना है कि परमाणु संधि इस दिशा में अहम साबित हुई है, लेकिन असल में हथियार खत्म करने अभी भी बाकी है। 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

दीपोत्सव 2024 : 1100 वेदाचार्य करेंगे सरयू आरती, अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की होगी रामलीला, बनेंगे नए रिकॉर्ड

UP की सभी 9 सीटों पर SP लड़ेगी उपचुनाव, अखिलेश यादव का ऐलान

महाराष्ट्र : MVA के दलों में 85-85 सीट पर बनी बात, पढ़िए कहां फंसा है पेंच

Meerut : एनसीआर में पेट्रोल पंपों पर मिल रहा मिलावटी तेल, पेट्रोलियम पदार्थ के काले कारोबार का भंड़ाफोड़, 6 आरोपी पुलिस हिरासत में

Wayanad Election : प्रियंका गांधी ने घोषित की संपत्ति, जानिए कितनी अमीर हैं कांग्रेस महासचिव

આગળનો લેખ
Show comments