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ईरान डरा, अमेरिका को भेजा मैसेज, ट्रंप की हत्या का कोई इरादा नहीं, बताया कैसे लेगा बदला

ईरान डरा, अमेरिका को भेजा मैसेज, ट्रंप की हत्या का कोई इरादा नहीं, बताया कैसे लेगा बदला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 16 नवंबर 2024 (16:55 IST)
No plans to assassinate Donald Trump :  ईरान ने अमेरिका को एक मैसेज भेजकर स्पष्ट कर किया है कि डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का कोई इरादा नहीं है। ईरान ने एक मध्यस्थ के माध्यम से यह संदेश अमेरिका को भेजा है। ईरान ने यह भी कहा है कि वह अमेरिका के साथ तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक ईरान ने यह संदेश अक्टूबर महीने में भेजा था।
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एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर हमला हुआ था। दरअसल, 2020 में अमेरिका ने सीरिया में ड्रोन हमले में ईरान के सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की थी। ईरान पिछले चार साल से इसी हत्या का बदला लेना चाहता है।
 
बाइडेन प्रशासन ने दी थी चेतावनी 
यह संदेश इस साल अक्टूबर में वॉशिंगटन को भेजा गया था, जब अमेरिका में निवर्तमान जो बाइडन प्रशासन ने सितंबर में कहा था कि वह ट्रंप की हत्या के किसी भी प्रयास को 'युद्ध की कार्रवाई' मानेगा, जो उस समय 5 नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार थे। अमेरिका को ईरान का संदेश पश्चिमी देश के साथ तनाव कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। 
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ऐसे लेगा सुलेमानी की मौत का बदला 
ईरान ने अपने संदेश में कहा है कि जनरल सुलेमानी की हत्या एक आपराधिक कृत्य था। मगर ईरान डोनाल्ड ट्रंप को मारना नहीं चाहता है। हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेना चाहते हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान पर ट्रंप प्रशासन के अन्य लोगों की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है।
किसके हवाले से है पत्र
संदेश में किसी भी अधिकारी का स्पष्ट उल्लेख नहीं था, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह पत्र ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का है। बता दें राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप की हत्या की साजिश रची गई थी। दो बार उनकी हत्या की कोशिश भी की गई। जुलाई में आसिफ रजा मर्चेंट नाम के एक पाकिस्तानी को अमेरिका में दबोचा गया। आसिफ रजा जुलाई में ईरान गया था। उस पर अमेरिका के नेताओं को मारने के लिए सुपारी देने का आरोप है। जांच में यह सामने आया कि रजा मर्चेंट के निशाने पर डोनाल्ड ट्रंप भी थे। इनपुट एजेंसियां

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