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भारत के खिलाफ नित्यानंद का प्रोपेगेंडा हुआ फ्लॉप, 'कैलासा' पर अब आया UN का बयान

भारत के खिलाफ नित्यानंद का प्रोपेगेंडा हुआ फ्लॉप, 'कैलासा' पर अब आया UN का बयान
, गुरुवार, 2 मार्च 2023 (22:45 IST)
लंदन/जिनेवा। भारत में रेप के आरोपों का सामने कर रहे भगोड़े नित्यानंद की प्रतिनिधि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल हुई थीं।  नित्यानंद की प्रतिनिधि विजयप्रिया की तस्वीरें देशभर में वायरल हुईं, जिसने एक नई बहस छेड़ दिया था। अब इस पूरे मसले पर संयुक्त राष्ट्र का बयान सामने आया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि भारतीय भगोड़े नित्यानंद द्वारा स्थापित तथाकथित 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (यूएसके)' के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले सप्ताह जिनेवा में इसकी सार्वजनिक सभाओं में दी गई कोई भी दलील 'अप्रासंगिक' है और अंतिम मसौदा परिणाम में इस पर विचार नहीं किया जाएगा।
 
अपनी दो सार्वजनिक बैठकों में तथाकथित "यूएसके प्रतिनिधियों" की भागीदारी की पुष्टि करते हुए मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने कहा कि उन्हें प्रचार सामग्री वितरित करने से रोका गया था और उनके भाषण पर ध्यान नहीं दिया गया। इन सार्वजनिक बैठकों में सभी के लिए पंजीकरण खुला था।
 
ओएचसीएचआर के प्रवक्ता की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो और तस्वीरों के वायरल होने के बाद आई जिनमें यूएसके की एक प्रतिनिधि "स्वदेशी अधिकार और सतत विकास" पर काल्पनिक देश की ओर से बोलते हुए दिखती है। दो सार्वजनिक कार्यक्रम 22 और 24 फरवरी को आयोजित किए गए थे।
 
ओएचसीएचआर के प्रवक्ता ने उनकी भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर कहा, "ऐसे सार्वजनिक आयोजनों के लिए पंजीकरण एनजीओ और आम जनता के लिए खुला होता है। कोई भी संधि निकायों को जानकारी प्रस्तुत कर सकता है, जो प्राप्त अभिवेदनों की विश्वसनीयता निर्धारित करने के लिए अपने निर्णय का उपयोग करता है।"
 
प्रवक्ता ने कहा कि 24 फरवरी को, सीईएससीआर की सामान्य चर्चा में, जब मंच जनता के लिए खोला गया, तो एक यूएसके प्रतिनिधि ने संक्षिप्त रूप से बात की थी... इस पर सामान्य टिप्पणी के सूत्रीकरण में समिति द्वारा विचार नहीं किया जाएगा। जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई।
 
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने इसे संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं का 'पूरी तरह दुरुपयोग' बताया। 
 
उन्होंने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं का पूरी तरह से दुरुपयोग है कि एक भगोड़े द्वारा चलाए जा रहे संगठन के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र को एनजीओ या अन्य के रूप में संबोधित करते हैं। 
 
भारत यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रक्रिया का आह्वान करता रहा है कि केवल विश्वसनीय एनजीओ को ही मान्यता मिले। हालांकि, इस आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया है।
 
वीडियो में खुद को तथाकथित ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (यूएसके)' की स्थायी राजदूत’ बताने वाली विजयप्रिया नित्यानंद बोलते हुए दिखाई देती है। इससे ऐसे सत्रों में समूह की भागीदारी पर सवाल उठ रहे हैं जिनमें पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड और अन्य मानवाधिकार विशेषज्ञों का भी संबोधन हुआ।
 
स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद भारत में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कई आरोपों में वांछित है। वह अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करता रहा है। उसका दावा है कि उसने 2019 में तथाकथित राष्ट्र 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा (यूएसके)' की स्थापना की थी और इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसकी जनसंख्या में "दो अरब धर्मनिष्ठ हिंदू" शामिल हैं। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma

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