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आंखें नहीं एक्स-रे मशीन कहें

आंखें नहीं एक्स-रे मशीन कहें
, सोमवार, 13 नवंबर 2017 (15:48 IST)
मॉस्को। अगर सारंस्क, पश्चिमी रूस की रहने वाली नताश देमकिना को सुपरह्यूमन कहा जाए तो  आश्चर्य की बात नहीं होगी। विदित हो कि यह सभी जानते हैं कि चिकित्सा विज्ञान इंसान के शरीर के अंदरूनी रहस्यों के बारे में जानने के लिए एक्स-रे मशीन का इस्तेमाल करता है। इससे पहचान होती है कि शरीर के अंदर कौन सी बीमारी है? 
 
लेकिन नताश डेमकिना एक इंसानी एक्स-रे मशीन हैं और वे मात्र अ‍पनी आंखों से देखकर किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी हालात बता देती हैं। पर रूस के लोगों के लिए यह तनिक भी आश्चर्य करने वाली बात नहीं है क्योंकि रूस में कुछेक ऐसे लोग भी मौजूद हैं जोकि साइंस के दायरे को भी पीछे छोड़ जाते हैं।
 
इस कारण से रूस की नताशा डेमकिना को दुनिया की जीती-जागती एक्स-रे मशीन के नाम से जाना जाता है। नताशा में एक ऐसी अद्भुत शक्ति है जिसके बारे में जानकर बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। उनकी आंखें ही एक्स-रे मशीन की तरह काम करती है और वे किसी भी इंसान के अंदर के अंगों को देखकर उसकी बीमारी के बारे में पता लगा लेती हैं। नताशा की इस अद्भुत शक्ति के विषय में जानने वाले वैज्ञानिक भी इनकी इस अद्भुत क्षमता के रहस्य को नहीं जान पाए हैं।
 
उल्लेखनीय है कि नताशा के बारे में कहा जाता है कि उसने जो कुछ भी अपनी आंखों से देखकर बताया है वह कभी गलत नहीं निकला है। हालांकि वह जो शरीर के अंदर की खराबी को देखने और उसको समझने में कुछ समय लगता है लेकिन इसके बाद वह बीमारी को एकदम सही पहचानकर बता देती है।

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