पेरिस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात की। मुलाकात का मकसद भारत में खासकर बुनियादी ढांचा और रक्षा क्षेत्र में फ्रांसीसी निवेश तथा प्रौद्योगिकी लाना है।
4 दिवसीय यात्रा पर फ्रांस पहुंचे मोदी का यहां लेस इनवैलिड्स में समारोहपूर्वक स्वागत किया गया। 7वीं सदी के महल लेस इनवैलिड्स के प्रांगण में उनका स्वागत किया गया।
समारोह के बाद मोदी ने फ्रांस के उन प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों (सीईओ) के साथ लगातार एक के बाद एक दो बैठकें कीं, जो मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा तथा रक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं।
भारत मोदी के महत्वकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में भागीदारी के जरिए ढांचागत और रक्षा क्षेत्रों में फ्रांसीसी निवेश तथा प्रौद्योगिकी हासिल करने को लेकर इच्छुक है। भारत को उम्मीद है कि महाराष्ट्र के जैतापुर में फ्रांसीसी परमाणु रिएक्टर लगाने के प्रस्ताव के साथ राफेल लड़कू विमान सौदे के मामले में चीजें आगे बढ़ेंगी। दोनों मामले लंबे समय से अटके पड़े हैं।
प्रधानमंत्री मोदी तथा फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के बीच शुक्रवार को होने वाली बातचीत में इन मुद्दों के साथ व्यापार का मामला एजेंडे में पर होगा।
जैतापुर परियोजना के तहत फ्रांस की कंपनी अरेवा को 10,000 मेगावॉट उत्पादन क्षमता के 6 परमाणु रिएक्टर लगाने हैं। परियोजना से बनने वाली बिजली की लागत को लेकर मतभेद की वजह से यह मामला अटका पड़ा है।
इसी प्रकार कीमत को लेकर मतभेद की वजह से 126 राफेल लड़ाकू विमान का मामला भी फंसा पड़ा है।
ओलोंद के साथ मोदी जलपोत में सीन नदी की यात्रा करेंगे और उनके बीच ‘नाव पे चर्चा’ होगी। सीन नदी पेरिस से गुजरती है। (भाषा)