वाशिंगटन। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, डलास ने वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सुई बनाई है जिससे आपके शरीर में लगाए जाने पर न तो दर्द होगा और यह परंपरागत सुई के स्थान पर ऐसी सुई होगी जोकि मरीज की त्वचा में ही समा जाएगी और इसके साथ ही दवा आपके शरीर में समा जाएगी।
शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने एक ऐसी सुई बनाई है जो न केवल बहुत छोटी होगी वरन् जिसे लगाने के बाद शरीर से बाहर निकालने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि सुई में ही जो दवा होगी वह आपकी त्वचा में समा जाएगी। इसे परम्परागत सुई या इंजेक्शन का ऐसा विकल्प माना जा रहा है जोकि न तो तकलीफ देह होगी और न ही इसे नष्ट करने की जरूरत होगी क्योंकि यह मरीज की त्वचा में ही समा जाएगी।
हालांकि इस नए तरीके के तहत मरीज के शरीर में दवा पहुंचाने के लिए एक बहुत ही छोटी या माइक्रोनीडल का प्रयोग किया जाएगा। यह इतनी पतली और छोटी होगी कि इसका अहसास भी मरीज को नहीं होगा। यह सुई आपकी त्वचा में घुल जाएगी और इस तरह दवा आपके शरीर में पहुंचेगी।
यह इलाज सभी बीमारियों के लिए नहीं होगा लेकिन यह सुई बहुत सारी दवाओं को शरीर में पहुंचाने में सक्षम होगी लेकिन इससे वही दवा दी जा सकेगी जोकि बहु छोटे कणों के रूप में बनी होगी। इन सुईयों को एक थ्री डी प्रिटिंग के जरिए एक आसानी से नष्ट हो जाने वाले थर्मोप्लास्टिक मैटेरियल से बनाया गया है जिसे अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने स्वीकृति दे दी है।
इस तरह की सुइयों को जिस 3 डी तकनीक से प्रिंट किया जाता है, उसे 'फ्यूज्ड डिपोजीशन मॉडलिंग' कहा जाता है। साथ ही इसे बनाने के लिए पॉलीलैक्टिक एसिड का भी इस्तेमाल किया जाता है। सुई को नोकीला आकार देने के साथ इनके सिरों पर प्रिंटिंग के दौरान ही एक रसायन लगा दिया जाता है। विदित हो कि इस सुई की लंबाई मात्र 1 माइक्रोमीटर या एक मीटर के एक लाखवें हिस्से के बराबर होती है।
इन माइक्रोनीडल्स की चौड़ाई 400 से लेकर 600 माइक्रोमीटर तक होती है। उल्लेखनीय है कि मनुष्य की एक लाल रक्त कोशिका भी करीब 5 माइक्रोमीटर चौड़ी होती है। परंपरागत हाइपोडर्मिक नीडल्स तकलीफ होने के साथ-साथ नुकसानदेह कचरे में भी बदल जाती हैं। लेकिन इस सुई के साथ ऐसा कुछ नहीं होगा। इस विचार की मात्र एक ही खामी है कि फोटोलिथोग्राफिक उपकरण के महंगे होने के इसकी डिजाइन महंगी हो सकती है लेकिन बाद में यह सस्ती भी हो सकती है।