Luna-25 : जर्मनी के DW न्यूज ने स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के हवाले से बताया कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। लूना- 25 लैंडर को 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लांच किया गया था। इसकी 21 अगस्त को चांद पर लैंडिंग होनी थी।
रूस के मिशन मून को उस समय बड़ा झटका लगा जब चांद की कक्षा में ऑर्बिट बदलते वक्त आसामन्य स्थिति आ गई, जिस वजह से लूना-25 ठीक ढंग से ऑर्बिट बदल नहीं सका।
रोस्कोस्मोस ने बताया कि लैंडिंग से पहले ऑर्बिट बदलते वक्त आसामन्य स्थिति आ गई, जिस वजह से लूना-25 ठीक ढंग से ऑर्बिट बदल नहीं सका।
रोस्कोस्मोस के अनुसार, लूना-25 ने चांद के जमीन क्रेटर की तस्वीरें पोस्ट की हैं। यह चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध का तीसरा सबसे गहरा गर्त है, जिसका व्या 190 किमी और गहराई 8 किमी है। लूना-25 से अब तक प्राप्त डाटा से चांद की मिट्टी में रासायनिक तत्वों के बारे में जानकारी मिली है।
चंद्रयान से कितना अलग था Luna : चंद्रयान-3 को 2 हफ्ते तक चलाने के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि लूना-25 को चंद्रमा पर एक साल तक काम करना था। 1.8 टन के द्रव्यमान और 31 किलोग्राम (68 पाउंड) वैज्ञानिक उपकरण ले जाने के साथ लूना-25 जमे हुए पानी की मौजूदगी का परीक्षण करने के लिए 15 सेमी. (6 इंच) की गहराई से चट्टान के नमूने लेने के लिए एक स्कूप का उपयोग करने वाला था। यह चंद्रमा पर मानव जीवन को संभव बना सकता था।
मूल रूप से अक्टूबर 2021 में लॉन्च किए जाने वाले लूना-25 मिशन में लगभग 2 साल की देरी हुई। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पायलट-डी नेविगेशन कैमरे को लूना-25 से जोड़कर उसका परीक्षण करने की योजना बनाई थी। मगर पिछले साल फरवरी में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उसने इस परियोजना से अपना नाता तोड़ लिया।
उल्लखनीय है कि सोवियत संघ, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और चीन ही अब तक चंद्रमा पर लैंडिंग में कामयाब रहे हैं। यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार रूस ने किसी दूसरे ग्रह या उपग्रह के लिए अपना मिशन भेजा था।