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अपने जीवन में मूल्यों और आदर्शों से समझौता नहीं किया : आडवाणी

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सोमवार, 27 मार्च 2017 (00:23 IST)
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से उन्होंने बहुत सी चीजें सीखी जो उनके चरित्र विकास में मददगार साबित हुईं। राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड पर स्थित ब्रह्म कुमारी कैंपस में ब्रह्मकुमारी की 80वीं वषर्गांठ के मौके पर आयोजित समारोह में आडवाणी ने कहा कि संघ ने चरित्र निर्माण में मदद की और उन्होंने अनुशासन के साथ कई चीजें संगठन से सीखी।
 
उन्होंने कहा कि संघ नि:स्वार्थ भाव, ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ आर्दश व्यक्तित्व का निर्माण करता है। मैं ऐसे संगठन का सदस्य रहा हूं और आज भी हूं जो राष्ट्रनिर्माण के लिए सेवा करता है। आरएसएस की विचारधारा कभी भी गलत कार्यों को बढ़ावा देने का काम नहीं करती। मैंने भी अपने जीवन और आचरण में कभी मूल्यों और आदर्शों से समझौता नहीं किया।
 
आडवाणी ने ब्रह्म कुमारी की विचारधारा की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था की प्रमुख दादी जानकी 101 वर्ष की आयु में भी इसका संचालन कर रही है, यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है।
 
उन्होंने कहा, मैं इस संस्था से प्रारंभ से ही जुड़ा रहा हूं। मैंने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे इसके संस्थापक दादा लेखराज ने ओम मंडली से शुरुआत की थी। दादा लेखराज एक आदर्श व्यक्ति थे, उन्होंने वैसा ही आदर्श संगठन बनाया है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन, अभिनेत्री रवीना टंडन, अतिरिक्त मुखिया दादी हरिदाया मोहनी और ब्रह्म कुमारी की संयुक्त मुखिया दादी रतन मोहनी मौजूद थे।

आडवाणी ने कहा कि ऐसे संगठनों से जुड़े लोगों को अपने आचरण में सही होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह ऐसी चीज नहीं कर सकता, यह व्यक्ति इस समूह का है और वह ऐसी (गलत) गतिविधि में लिप्त नहीं हो सकता, आरएसएस का कोई व्यक्ति किसी गलत चीज में लिप्त नहीं हो सकता। ऐसी धारणा सभी में बननी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि जब उन्होंने अपने राज्यसभा सहयोगी कुरियन को यहां देखा तो उन्हें हैरानी नहीं हुई।
 
उन्होंने कहा, मुझे संतोष हुआ। मुझे महसूस हुआ कि वे सभी लोग जो भारत को ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं और राष्ट्रवाद के गुणों को आत्मसात करना चाहते हैं और प्रत्एक नागरिक को ईमानदारी, अनुशासन..के गुणों से भर देना चाहते हैं..यदि वे इस संगठन से सीखें तो देश के लिए बेहतर होगा। 
 
आडवाणी ने कहा कि उनका जन्म कराची में हुआ और वह सिंध क्षेत्र से हैं, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने कहा, मैं बहुत कम आयु में आरएसएस से जुड़ गया था। मैं चाहूंगा कि जो कोई भी देश के लिए काम करना चाहता है उसे इस संगठन ( ब्रह्मकुमारी) से सदाचरण, ईमानदारी और भक्तिभाव अपनाना चाहिए। 
 
उन्होंने चार दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए विश्व में लोगों की आध्यात्मिक जागृति के लिए किए जाने वाले कार्य के लिए संगठन की प्रशंसा की। आडवाणी ने  ब्रह्मकुमारी प्रमुख दादी जानकी की विश्व में सबसे बड़े गैर सरकारी संगठन का नेतृत्व करने के लिए भी प्रशंसा की जो हाल में 101 वर्ष की हुईं। (भाषा)

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