नई दिल्ली। भारत के सबसे करीबी मित्र और पड़ोसी नेपाल (Nepal) के लिए यह खबर सावधान करने के लिए काफी है। दरअसल, चीन ने लाओस को डेट ट्रैप डिप्लोमेसी (कर्ज देकर गुलाम बनाने की साजिश) अपना शिकार बना लिया है।
आपको बता दें कि इन दिनों नेपाल भी चीन की गोदी में बैठा है और भारत को आंखें दिखा रहा है। साथ ही चीन का पुराना इतिहास रहा है कि उसने कर्ज का जाल फैलाकर छोटे-छोटे देशों का अपना शिकार बनाया है। इतना ही नहीं प्रत्येक पड़ोसी के साथ उसका सीमा को लेकर विवाद है।
लाओस की बात करें तो उस पर चीन का इतना कर्ज है कि उसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह इस संकट से कैसे बाहर आए। एक रिपोट के मुताबिक चूंकि लाओस कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं है इसलिए चीन ने उसका पॉवर ग्रिड हथिया लिया है।
जानकारी के मुताबिक पॉवर ग्रिड शेयरहोल्डिंग डील पर हाल ही में स्थानीय कंपनी (लाओस) और चीन की दक्षिणी पॉवर ग्रिड द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। बताया जा रहा है कि इसके बाद ग्रिड चीन के नियंत्रण में आ गई है।
इस तरह बनाता है चीन शिकार : चीन बेल्ट एंड रोड परियोजना के जरिए छोटे देशों को अपना शिकार बनाता है। पहले उन्हें बड़े स्तर पर कर्ज देता है, उसके बाद जब संबंधित देश कर्जा नहीं चुका पाता है तो उसकी संपत्तियों पर एक तरह से कब्जा जमा लेता है। लाओस के सामने लोन डिफाल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है।
मूडीज ने भी लाओस की रेटिंग घटाते हुए उसे जंक स्टेट करार दिया है। चीन ने न सिर्फ लाओ बल्कि करीब दर्जन भर देशों को अपनी कर्ज नीति के जाल में उलझा रखा है। कोई आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में नेपाल का नाम भी इस सूची में जुड़ जाए।