टोकियो। जापान ने गुरुवार को आतंकवादरोधी एक विवादास्पद कानून लागू कर दिया जिसके कारण लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और आलोचकों ने चेताया कि इससे नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
संसद के ऊपरी सदन ने प्रधानमंत्री शिंजो अबे की कैबिनेट के खिलाफ कमजोर विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव और न्याय मंत्री कत्सुतोशी कानेडा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव से पार पाते हुए रातभर चले राजनीतिक वाद-विवाद के बाद गुरुवार तड़के यह विवादास्पद विधेयक पारित किया। यह विधेयक अधिक शक्तिशाली निचले सदन में पिछले महीने पारित हो गया था। दोनों सदनों में अबे के सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूत बहुमत प्राप्त है।
नए कानून के तहत जांचकर्ताओं को ऐसे किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ आरोप तय करने का अधिकार है, जो आतंकवाद या अन्य गंभीर अपराधों में शामिल होने का षड्यंत्र रचता है लेकिन मानवाधिकार समूहों, जापान के राष्ट्रीय बार संघ एवं कई शिक्षाविदों ने इस विधेयक का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह इतना व्यापक है कि निर्दोष नागरिकों के फोन टैप करने और संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की आजादी एवं निजता को खतरा पहुंचाने में इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
अमेरिका सतर्कता व्हिस्लब्लोयर एड्वर्ड स्नोडेन एवं निजता के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत जोसेफ कैन्नाटाकी दोनों ने इस कानून की निंदा की है। इसके विरोध में देशभर में सड़कों पर प्रदर्शन भी हुए हैं। सरकार का कहना है कि टोकियो में वर्ष 2020 में होने जा रहे ओलंपिक खेलों से पहले आतंकवाद को रोकने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। (भाषा)