Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

इजराइल हमास युद्ध : संयुक्त राष्‍ट्र में प्रस्ताव पारित, भारत ने वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

Webdunia
शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 (10:34 IST)
Israel Hamas war :  इजराइल-हमास संघर्ष संबंधी प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहे भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि आतंकवाद हानिकारक है। उसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं है तथा दुनिया को आतंकवादी कृत्यों को जायज ठहराने वालों की बातों को तवज्जो नहीं देनी चाहिए।
 
भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘आम नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखने’ शीर्षक वाले जॉर्डन के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा। इस प्रस्ताव में इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष-विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था।
 
संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने उस प्रस्ताव को अपनाया, जिसमें तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष-विराम का आह्वान किया गया है, ताकि शत्रुता समाप्त हो सके।
 
प्रस्ताव के पक्ष में 121 देशों ने मत किया, 44 सदस्य मतदान से दूर रहे और 14 सदस्यों ने इसके खिलाफ वोट दिया। प्रस्ताव में पूरी गाजा पट्टी में आम नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं का तत्काल, निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध प्रावधान करने की मांग की गई थी।
 
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने मतदान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसी दुनिया में जहां मतभेदों और विवादों को बातचीत से हल किया जाना चाहिए, इस प्रतिष्ठित संस्था को हिंसा का सहारा लेने की घटनाओं पर गहराई से चिंतित होना चाहिए।
 
पटेल ने कहा कि हिंसा जब इतने बड़े पैमाने और तीव्रता पर होती है, तो यह बुनियादी मानवीय मूल्यों का अपमान है।
 
उन्होंने कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के साधन के रूप में हिंसा का इस्तेमाल भारी नुकसान पहुंचाता है और यह किसी भी टिकाऊ समाधान का मार्ग प्रशस्त नहीं करती।
 
पटेल ने इजराइल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमलों को चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि ये हमले निंदनीय हैं। मतदान के बारे में भारत के स्पष्टीकरण में हमास का उल्लेख नहीं किया गया।
 
उन्होंने कहा कि आतंकवाद हानिकारक है और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती। दुनिया को आतंकवादी कृत्यों को जायज ठहराने की कोशिश करने वालों पर गौर नहीं करना चाहिए। आइए, हम मतभेदों को दूर रखें, एकजुट हों और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने का दृष्टिकोण अपनाएं।
 
भारत ने उम्मीद जताई कि महासभा में इस चर्चा से आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश जाएगा और इससे कूटनीति एवं बातचीत की संभावनाओं का विस्तार होगा तथा हमारे सामने मौजूद मानवीय संकट से निपटने में मदद मिलेगी।
 
पटेल ने कहा कि भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और इस संघर्ष में आम नागरिकों की बड़ी संख्या में हुई मौत को लेकर बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शत्रुता बढ़ने से मानवीय संकट और बढ़ेगा। सभी पक्षों के लिए अत्यधिक जिम्मेदारी दिखाना आवश्यक है। भारत ने बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का भी आह्वान किया।
 
शुरुआत में इराक प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा था, लेकिन बाद में वोटिंग के समय तकनीकी समस्या का हवाला देते हुए उसने इसके पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों में इजराइल और अमेरिका शामिल थे। चीन, फ्रांस और रूस ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और ब्रिटेन अनुपस्थित रहे। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

दीपोत्सव 2024 : 1100 वेदाचार्य करेंगे सरयू आरती, अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की होगी रामलीला, बनेंगे नए रिकॉर्ड

UP की सभी 9 सीटों पर SP लड़ेगी उपचुनाव, अखिलेश यादव का ऐलान

महाराष्ट्र : MVA के दलों में 85-85 सीट पर बनी बात, पढ़िए कहां फंसा है पेंच

Meerut : एनसीआर में पेट्रोल पंपों पर मिल रहा मिलावटी तेल, पेट्रोलियम पदार्थ के काले कारोबार का भंड़ाफोड़, 6 आरोपी पुलिस हिरासत में

Wayanad Election : प्रियंका गांधी ने घोषित की संपत्ति, जानिए कितनी अमीर हैं कांग्रेस महासचिव

આગળનો લેખ
Show comments