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क्‍या भारत से है हमास का इजरायल पर हमले का कनेक्‍शन, जो बाइडेन ने क्‍यों किया ये दावा?

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गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 (15:15 IST)
इजरायल और हमास के बीच पिछले कई दिनों से जंग चल रही है। इस बीच अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा दावा किया है जो चौंकाने वाला है। उन्‍होंने इजरायल पर हमास के हमले की कई वजहों में से एक वजह भारत बताया है।

दरअसल, जो बाइडेन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि हमास द्वारा इजराइल पर आतंकी हमले का एक कारण हाल ही में नई दिल्ली में G-20 समिट के दौरान इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर का ऐलान भी है। यह कॉरिडोर पूरे क्षेत्र को रेलमार्ग के नेटवर्क से जोड़ेगा।

क्‍या कहा बाइडेन ने : इजरायल और हमास के बीच जंग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में G-20 समिट का आयोजन हुआ था। इस आयोजन में इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर का ऐलान किया गया था। उन्‍होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह ऐलान हमास द्वारा इजराइल पर आतंकी हमले का एक कारण है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनका देश यूरोप के साथ सऊदी अरब को जोड़ने वाली रेल-सड़क परियोजना समेत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के नेटवर्क के जरिए चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से मुकाबले के लिए जी7 सदस्य देशों के साथ काम कर रहा है।

मेरी अंतरात्मा यही कहती है : जो बाइडेन ने कहा कि 'मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमास के हमले के कारणों में से एक वजह यह भी है। हालांकि उन्‍होंने कहा— मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझसे यही कहती है कि इजरायल के लिए क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में काम की वजह से हमास ने यह हमला किया। हम उस काम को नहीं छोड़ सकते'

क्या है इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर?
सितंबर में भारत में जी20 समिट का आयोजन हुआ था। इसमें बाइडेन, ऋषि सुनक समेत दुनियाभर के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे। समिट के इतर पीएम मोदी, जो बाइडेन समेत तमाम नेताओं ने महत्वाकांक्षी इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर के निर्माण का ऐलान किया था। बता दें कि भारत, यूरोपियन यूनियन, अमेरिका और सऊदी अरब मिलकर एक मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसका नाम है- इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी IMEC

9 सितंबर को इस प्रोजेक्ट के एमओयू पर दस्तखत हुए थे. दस्तखत करने वाले देशों में भारत के अलावा अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपियन यूनियन, इटली, फ्रांस और जर्मनी हैं। इस कॉरिडोर के बनने के बाद रेल और जहाज से ही भारत से यूरोप तक पहुंचा जा सकेगा। इस कॉरिडोर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का जवाब माना जा रहा है।

बता दें कि इस कॉरिडोर के दो हिस्से होंगे। पहला- ईस्टर्न कॉरिडोर, जो भारत को खाड़ी देशों से जोड़ेगा। दूसरा- नॉर्दर्न कॉरिडोर, जो खाड़ी देशों को यूरोप से जोड़ेगा। इस कॉरिडोर में रेलवे लाइन के साथ-साथ इलेक्ट्रिसिटी केबल, हाइड्रोजन पाइपलाइन और एक हाई-स्पीड डेटा केबल भी होगी।
Edited By : Navin Rangiyal

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