वॉशिंगटन। रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) के अध्यक्ष पद की चुनावी दौड़ में शामिल भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी हरमीत ढिल्लो ने आरोप लगाया है कि उनके सिख धर्म से संबंधित होने के कारण पार्टी के कुछ नेता उन्हें निशाना बना रहे हैं। ढिल्लो ने कहा कि वे हार नहीं मानेंगी और शीर्ष पद की दौड़ में बनी रहेंगी। रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) के अध्यक्ष पद का चुनाव 27 जनवरी को होगा।
कैलिफोर्निया रिपब्लिकन पार्टी की पूर्व सह-अध्यक्ष ढिल्लो (54) के सामने इस पद के लिए प्रभावशाली नेता एवं आरएनसी की अध्यक्ष रोन्ना मैक्डेनियल की चुनौती है। ढिल्लो ने सोमवार को ट्विटर पर कहा कि उनके धर्म को लेकर उन पर किए जाने वाले हमले उन्हें या उनकी टीम को आरएनसी में जवाबदेही, पारदर्शिता, अखंडता एवं शालीनता के नए मानकों समेत सकारात्मक बदलाव लाने से नहीं रोक पाएंगे।
ढिल्लो ने कहा कि उन्हें सोमवार को कई धमकीभरे ट्वीट मिले। उन्होंने कहा कि आज धमकियां मिल रही हैं। रोन्ना के एक समर्थक ने डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत संबंधी मेरे संदेश का जवाब दिया और मुझे खीझ पैदा करने वाले संदेश भेजने से मतदाताओं को नहीं रोकने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी (मेरी टीम में किसी ने भी किसी सदस्य से संदेश भेजने को नहीं कहा है)।
उन्होंने अपने सत्यापित ट्विटर खाते 'पंजाबन' पर ट्वीट किया कि मेरी टीम के एक अन्य व्यक्ति को आरएनसी को सर्वाधिक धन देने वालों के बारे में सवाल उठाने के लिए आरएनसी सलाहकार से धमकीभरा फोन आया। यह संदेश भेजा गया था कि यदि मेरे समर्थक चुप नहीं होते तो वे प्रचार मुहिम या आरएनसी के लिए काम नहीं करेंगे। रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) के अध्यक्ष पद का चुनाव 27 जनवरी को होगा।
'पॉलिटिको' अखबार ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में कहा था कि विरोधियों ने ढिल्लो के सिख धर्म को लेकर चिंता जताई हैं जिससे समिति के कुछ सदस्य व्यथित हो गए हैं। ढिल्लो ने 'पॉलिटिको' से कहा कि यह जानकर दुख होता है कि आरएनसी के कुछ सदस्यों ने मेरे सिख धर्म को मेरे खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके आरएनसी के संचालन के लिए मेरे उपयुक्त होने पर सवाल उठाया है। मैक्डेनियल ने धर्म के आधार पर इस प्रकार के हमलों की निंदा की है।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
Edited by: Ravindra Gupta