India in UN on Pakistan : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद पर रोक लगाना है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत लंबे समय से सीमापार से जारी आतंकवाद और वैश्विक आतंकवाद का शिकार रहा है तथा आतंकवाद के प्रति उसकी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति रही है।
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारा मुख्य मुद्दा आतंकवाद का है। हरीश ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स (एसआईपीए) में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का जवाब : भारत का तरीका विषय पर मुख्य भाषण दिया।
मुख्य भाषण के बाद एक संवाद सत्र के दौरान पाकिस्तान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में हरीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान से संपर्क साधने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों ने भरोसे को तोड़ा है। पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद को रोकना है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
यह कार्यक्रम वैश्विक नेतृत्व में एमपीए कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय संगठन एवं संयुक्त राष्ट्र अध्ययन कार्यक्रम (आईओ/यूएनएस) द्वारा सह-प्रायोजित था तथा इसमें छात्रों, शिक्षकों और नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में हरीश ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद वैश्विक मंच पर एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से सीमापार और वैश्विक आतंकवाद का शिकार रहा है।
हरीश ने आतंकवाद को मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा बताया जो न तो सीमाएं जानता है, न ही राष्ट्रीयता और जिसका कोई औचित्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही किया जा सकता है।
आतंकवाद से निपटने में भारत का तरीका क्या है, इस पर हरीश ने रेखांकित किया कि देश का मुख्य ध्यान आतंकवाद से निपटने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को साथ लेने पर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आतंकवाद के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति रही है। हम 9/11 नहीं चाहते, जो यहां हुआ है। हम 26/11 नहीं चाहते जो मुंबई में हुआ।