लंदन। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के मुद्दे पर भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। यूरोपीय संसद में भारत के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पेश प्रस्ताव पर अब आज वोटिंग नहीं कराई जा सकेगी।
यूरोपीय संसद ने बुधवार को इस पर फैसला किया कि CAA पर वोटिंग 2 मार्च से शुरू हो रहे उसके नए सत्र में कराई जाएगी।
बताया जा रहा है कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्च में ब्रसेल्स में होने वाले द्विपक्षीय सम्मेलन को चलते लिया गया है। माना जा रहा है कि अब इस प्रस्ताव पर 31 मार्च को वाटिंग कराई जा सकती है।
खबरों के मुताबिक बिजनेस एजेंडा के क्रम में दो वोट डाले जाने थे। पहला प्रस्ताव को वापस लेने को लेकर था। इसके पक्ष में 356 वोट पड़े जबकि विरोध में 111 वोट डाले गए। इसी तरह दूसरा प्रस्ताव वोटिंग बढ़ाने को लेकर था। इसके पक्ष में 271 वोट डाले गए जबकि विरोध में 199 वोट पड़े।
इससे पहले यूरोपीय संसद के 6 राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून के खिलावफ संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव के साथ ही भारत में लागू किए गए इस कानून को भेदभाव करने वाला बताया गया था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को इस प्रस्ताव को लेकर यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड मारिया सासोली को लिखा था कि एक विधायिका के लिए दूसरे पर निर्णय पारित करना अनुचित है और निहित स्वार्थों से इस प्रथा का दुरुपयोग किया जा सकता है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी भारत के रुख को दोहराते हुए कहा था कि देश के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।