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इमरान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटने वाले पहले पाक पीएम, शहबाज शरीफ नई पारी के लिए तैयार

इमरान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटने वाले पहले पाक पीएम, शहबाज शरीफ नई पारी के लिए तैयार
, रविवार, 10 अप्रैल 2022 (07:29 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि के बाद हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया गया है।
मतदान के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी बर्हिगमन किया। हालांकि, पीटीआई के बागी सदस्य सदन में उपस्थित रहे। खान को हटाए जाने के बाद सदन के नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है।
 
हालांकि, संयुक्त विपक्ष ने पहले ही ऐलान किया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ उनके संयुक्त उम्मीदवार होंगे। ऐसे में शहजाब शरीफ रविवार को देश के नए प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं। शहबाज ने संकल्प जताया कि नई सरकार प्रतिशोध की राजनीति में शामिल नहीं होगी।
 
विश्वास मत की घोषणा के बाद शहबाज ने कहा, 'मैं अतीत की कड़वाहट में वापस नहीं जाना चाहता। हमें इसे भूलकर आगे बढ़ना होगा। हम कोई बदले की कार्रवाई या अन्याय नहीं करेंगे। हम बिना वजह किसी को जेल नहीं भेजेंगे।'
 
विश्वास मत के नतीजे के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर सदन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वेलकम बैक टू पुराना पाकिस्तान। पाकिस्तान के मुस्कुराने के दिन लौटे। 
 
इस बीच, पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दिया। फैसल ने ट्वीट किया, 'अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए। वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं।'
 
शनिवार को पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा। गौरतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

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