अमेरिका की 59 बड़ी कंपनियों के सीईओ ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को H-1B वीजा नीति पर चेताया है। इन कंपनियों के अनुसार इमिग्रेशन पॉलिसी में नए बदलावों से अमेरिका को ही नुकसान होगा। नए नियमों के चलते अमेरिका की आर्थिक नीति में अस्थिरता बढ़ेगी। अमेरिका की ज्यादातर बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले बिजनेस राउंडटेबल नाम के संगठन ने गृहमंत्री कर्स्टन नीलसन को पत्र लिखकर चेतावनी दी है।
इस पत्र पर एपल के टिम कुक, जेपी मॉर्गन के जेमी डिमोन, अमेरिकन एयरलाइंस के डग पार्क और पेप्सिको सीईओ इंद्रा नूयी के हस्ताक्षर हैं। हाल में अमेरिका के कई अखबारों ने एकसाथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ संपादकीय लिखा था।
इन सीईओ ने लिखा है कि उनके कर्मचारी प्रवासियों से जुड़ी नीति के कारण अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। इन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे नियम बनाने से बचना चाहिए, जो हजारों कुशल कर्मचारियों पर असर डाले। इसका गहरा असर अमेरिकी प्रतिस्पर्धा पर भी पड़ता है। अभी H-1B वीजा का सबसे ज्यादा फायदा भारतीय आईटी कंपनियों को मिलता है। यहां कंपनियों ने थर्ड पार्टी वर्क साइट के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारी भेजे हैं।
अमेरिका में बैंकिंग, ट्रेवल और कमर्शियल सर्विस अधिकतर भारतीय ऑनसाइट कर्मचारियों पर निर्भर है। ये सभी सीईओ बिजनेस राउंडटेबल का हिस्सा हैं। यह संगठन अमेरिका में लॉबिइंग करता है। इसके चेयरमैन डिमोन हैं। पत्र में कहा गया है कि इस समय जब श्रमिकों की कमी के कारण नौकरियों की संख्या ज्यादा है, ऐसे में टैलेंट को रोकना सही नहीं होगा। सरकार को बीच में नियम नहीं बदलने चाहिए, इससे कंपनियों की लागत बढ़ती है। नील्सन ने व्हाइट हाउस में कहा कि प्रशासन सिर्फ कड़ाई से कानून लागू कर रहा है।