टोकियो। जापान के बर्बाद हो चुके फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के क्षतिग्रस्त रिएक्टरों की सतह पर बड़ी मात्रा में पिघले हुए परमाणु ईंधन (यूरेनियम की छड़ें) मिलने की आशंका है। एक अंडरवॉटर रोबोट द्वारा ली गई तस्वीरों के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है।
टोकियो इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन के संयंत्र संचालक ने बताया कि रोबोट ने पता लगाया है कि फुकुशिमा के यूनिट 3 रिएक्टर के मुख्य भाग के भीतरी तल में वृहद मात्रा में लावा जैसी चट्टानों की 1 मीटर (3 फीट) मोटी परत जमी हुई है।
2011 में आए भूकंप और सुनामी के बाद पहली बार शुक्रवार को रोबोट ने वहां पिघले हुए ईंधन (यूरेनियम की छड़ें) के मलबे का पता लगाया है। उस भूकंप और सुनामी के कारण काफी मात्रा में रिएक्टरों के ईंधन पिघल गए और संयंत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। यूनिट 3 की 3 दिवसीय जांच-पड़ताल शनिवार को खत्म हो गई।
संयंत्र के तबाह हो चुके 3 रिएक्टरों में प्रत्येक के पिघले ईंधन के मलबे और नुकसान का पता लगाना और इसका आकलन करना संयंत्र के पुनर्स्थापन लिए काफी महत्वपूर्ण है। भारी मात्रा में हुए नुकसान और बेहद उच्च विकिरण स्तर के कारण 2 अन्य रिएक्टरों में पिघले ईंधन की तलाशी में अब तक सफलता नहीं मिल सकी है।
इस पड़ताल के दौरान रोबोट में लगे हुए कैमरों से दिखता है कि टूटे हुए रिएक्टर के हिस्सों के साथ मिश्रित हुए ईंधन के मलबे के साथ ही कोर मेल्टडाउन के कारण व्यापक क्षति हुई है जिससे आगे गंभीर चुनौतियां सामने आ सकती है। टेप्को के प्रवक्ता तकाहिरो किमातो ने कहा है कि सामने आईं तस्वीरों में दिख रहे मलबे की छानबीन व विश्लेषण करने में समय लग सकता है। (भाषा)