Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

जयशंकर ने मालदीव में इस परियोजना का किया उद्घाटन, बोले- हिंद महासागर क्षेत्र में प्रमुख साझेदार है यह देश

जयशंकर ने मालदीव में इस परियोजना का किया उद्घाटन, बोले- हिंद महासागर क्षेत्र में प्रमुख साझेदार है यह देश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

माले , रविवार, 11 अगस्त 2024 (17:50 IST)
External Affairs Minister S Jaishankar's visit to Maldives : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख साझेदार है तथा दोनों देश अपने सहयोग को आधुनिक साझेदारी में बदलने की आकांक्षा रखते हैं। जयशंकर ने 4 लेन डेटोर लिंक सड़क परियोजना के उद्घाटन पर यह बात कही। इस अवसर पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भी मौजूद थे।
 
जयशंकर ने अड्डू पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना का हस्तांतरण समारोह और एक्जिम बैंक की ऋण सहायता के तहत भारत सरकार की मदद से बनाई गई 4-लेन डेटोर लिंक सड़क परियोजना के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। इस अवसर पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भी मौजूद थे।
 
जयशंकर ने कहा, मालदीव हमारे लिए हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। यह ‘पड़ोसी प्रथम’ की हमारी नीति के केंद्र में है और इसलिए यह बहुत ही स्वाभाविक है कि हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़ गया है तथा आज वास्तव में एक आधुनिक साझेदारी बनने की आकांक्षा है।
webdunia
उन्होंने कहा, विकास के क्षेत्र में हमारे सहयोग का उद्देश्य लोगों के जीवन के सभी पहलुओं को छूना और उनके जीवन में इसके ठोस लाभ लाने के तरीके खोजना है। जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने मालदीव में लगभग 22 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत मालदीव में क्षेत्रीय विकास को कितना महत्व देता है।
 
विदेश मंत्री ने कहा, आज हम अन्य देशों के अलावा सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक हैं। हम भारत से मालदीव में अधिक निवेश प्रवाह भी देख रहे हैं, खासकर पर्यटन क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि भारत ने मालदीव सरकार के साथ अड्डू पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना में साझेदारी की है, ताकि इसे एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में विकसित करने का एक स्थाई तरीका ढूंढा जा सके।
इस वर्ष की शुरुआत में 184 हेक्टेयर भूमि का पुनर्ग्रहण पूरा हो गया। करीब आठ करोड़ अमेरिकी डॉलर की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में पर्यटन विकास के उद्देश्य से पुनर्ग्रहण के साथ-साथ अड्डू के समग्र आर्थिक विकास को भी शामिल किया गया है। यह परियोजना क्षेत्र के समग्र विकास में मदद करेगी तथा रोजगार, उद्यमिता और व्यापार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी।
 
जयशंकर ने कहा, भारतीय सहायता से क्रियान्वित की जा रही एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना सात करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत वाली है, जिसका उद्देश्य अड्डू की सड़कों और जल निकासी प्रणाली का पुनर्विकास है। यह परियोजना अंतिम चरण में है और इसके पूरा होने पर अड्डू में सड़कों पर जलभराव की समस्या का समाधान हो जाएगा।
 
उन्होंने कहा, अड्डू डेटोर लिंक सड़क जिसका आज उद्घाटन किया गया है, जिसके कारण हम यहां एकत्रित हुए हैं, इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक है तथा इससे एटोल के भीतर संपर्क में काफी आसानी होगी। भारतीय ऋण सहायता के तहत हमने न केवल अड्डू की सुविधाओं को एक क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि इसे बाहरी दुनिया से जोड़ने पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
भारतीय ऋण सहायता के तहत मालदीव सरकार गण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पुनर्विकास का कार्य भी कर रही है। जयशंकर ने कहा, इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और गण तथा दक्षिणी एटोल में स्थानीय पर्यटन बढ़ेगा, साथ ही कई स्थानीय समुदायों को व्यापक आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। भारत मालदीव में प्रभावशाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं पर समान जोर देता है।
 
विदेश मंत्री ने कहा, हम पहले से ही 65 परियोजनाओं में भागीदारी कर रहे हैं, जिनमें से 12 या पांच परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। हम इस उच्च प्रभाव वाले सामुदायिक विकास परियोजना मॉडल की सफलता, इसके विस्तार और इसकी उपस्थिति को तेजी से बढ़ते हुए देखकर खुश हैं।
जयशंकर ने मालदीव में भारत की सहायता से चलाई जा रही अन्य परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अपने मालदीव के मित्रों की उभरती जरूरतों और प्राथमिकताओं के प्रति जागरूक है तथा दोनों सरकारें उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप समाधान प्रदान करने का प्रयास करती हैं।
 
उन्होंने इन दोनों परियोजनाओं के लिए मालदीव की सरकार और वहां के लोगों, विशेषकर दक्षिणी मालदीव के लोगों को बधाई दी। जयशंकर ने मालदीव में भारत द्वारा सहायता प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, भारत मालदीव मैत्री जन-केंद्रित है। भारत अपने विकास संबंधी अनुभव अपने पड़ोसियों के साथ साझा करता है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Hindenburg के आरोपों के बाद भारत में मचा सियासी घमासान, जांच के लिए उठी JPC के गठन की मांग