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पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन, दुबई के अस्पताल में चल रहा था इलाज

पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन, दुबई के अस्पताल में चल रहा था इलाज
, रविवार, 5 फ़रवरी 2023 (11:28 IST)
दुबई। पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्र‍पति परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। 79 वर्षीय मुशर्रफ लंबे समय से बीमार थे और दुबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। पूर्व सैन्य शासक का दुबई के अमेरिकी अस्पताल में बीमारी का इलाज चल रहा था।

मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दिल्ली में हुआ था। 1947 में उनका परिवार दिल्ली से कराची चला गया। उन्होंने 19 अप्रैल 1961 को पाकिस्तान सैन्य अकादमी काकुल से अपना कमीशन प्राप्त किया।
 
पूर्व तानाशाह कमीशन मिलने के बाद विशेष सेवा समूह में शामिल हो गए। इस सैन्य शासक ने 1965 और 1971 के युद्धों में भी हिस्सा लिया था। उन्हें 1998 में जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और सेना प्रमुख (सीओएएस) के रूप में पदभार संभाला। एक साल बाद 12 अक्टूबर, 1999 को जनरल (तत्कालीन) मुशर्रफ ने तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली।
 

 
पाकिस्तान की बागडोर संभालने के बाद मुशर्रफ पाकिस्तान के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति बने रहे। 2002 में एक जनमत संग्रह के माध्यम से उन्हें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और 2008 तक इस पद पर बने रहे।
 
सैन्य नेता ने अपने कार्यकाल के दौरान, 9/11 की घटना के बाद पाकिस्तान को अग्रिम पंक्ति का सहयोगी बनने के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। बाद में 2004 में, उन्हें पाकिस्तान के संविधान में 17वें संशोधन के माध्यम से पांच साल के लिए वर्दी में राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।
 
मुशर्रफ को नवंबर 2007 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पदच्युत करने के लिए संविधान विरोधी उपायों के लिए भी जाना जाता है, जिसे वकीलों के आंदोलन की शुरुआत माना जाता है और जिसे न्यायपालिका की बहाली के लिए आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है।
 
राजनीतिक दलों के नेतृत्व में एक आंदोलन के बाद श्री मुशर्रफ ने 18 अगस्त, 2008 को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।
कारगिल युद्ध के मास्टरमाइंड परवेज मुशर्रफ का जन्म नई दिल्ली के दरियागंज में 11 अगस्त 1943 को हुआ। 1947 में आजादी के बाद मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान चला गया। उनका परिवार विभाजन से महज एक दिन पहले पाकिस्तान गया था।

1961 में मुशर्रफ पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी में शामिल हुए। इसके बाद उनकी काबिलियत को देखते हुए उनका ओहदा सेना में बढ़ता गया। अक्टूबर 1999 में मुशर्रफ ने तख्तापलट कर नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

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