लाहौर। पुलवामा हमले और भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर दुनियाभर से इन आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए दबाव था। खबरों के अनुसार कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के तहत गुरुवार तक 121 लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया। बताया जा रहा है कि ये सभी प्रतिबंधित संगठनों से संबंध रखते हैं। इससे पहले मंगलवार को भी 44 लोगों के हिरासत में लेने की खबरें आई थीं।
गृह मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना जारी कर कहा कि प्रांतीय सरकारों ने राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत 182 मदरसाओं, 34 स्कूलों एवं कॉलेजों का प्रबंधन और प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।
प्रांतीय सरकारों ने 4 अस्पतालों, 163 चिकित्सालयों, 184 एम्बुलेंसों और आठ कार्यालयों को भी अपने नियंत्रण में ले लिया है।
अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय कार्ययोजना 2014 के तहत निषिद्ध संगठनों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई एक सतत प्रक्रिया है। प्रांतीय सरकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ तालमेल के साथ गृह मंत्रालय सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
पाकिस्तान सरकार के आंतरिक मंत्रालय के बयान में कहा गया कि आतंकी गतिविधियों के खिलाफ हमारी यह कार्रवाई लंबी योजना का हिस्सा है। यह कदम भारत सरकार की नाराजगी के कारण नहीं उठाया गया है।
इससे पहले मंगलवार को खबर आई थी कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के भाई और बेटे समेत 44 आतंकियों को हिरासत में लिया। मसूद अजहर का भाई अब्दुल असगर पुलवामा हमले का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। पाक सरकार द्वारा आतंकी निरोध एक्ट-1997 के तहत मुंबई हमले के आरोपी आतंकी हाफिज सईद के संगठनों जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर प्रतिबंध लगाने की खबरें भी आई थीं।