टोक्यो। जापान में कोरोना वायरस के चलते अपतटीय क्षेत्र में अलग-थलग खड़े किए गए क्रूज़ पोत में सवार लगभग 3000 लोगों में भारतीय भी शामिल हैं, लेकिन उनकी सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। इस पोत पर सवार भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बचाने की अपील की है।
भारतीय दूतावास ने सोमवार को यह जानकारी दी। क्रूज़ पोत डाइमंड प्रिसेंज़ 3,711 लोगों को लेकर पिछले हफ्ते जापान के तट पर पहुंचा था। पिछले महीने हांगकांग में उतरा यात्री कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया। इसके बाद पोत को अलग कर दिया गया था।
कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी : पोत पर सवार करीब 60 लोगों के सोमवार को वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। इसी के साथ पोत सवार संक्रमित यात्रियों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है। जब पोत जापान के तट पर पहुंचा था तब अधिकारियों ने शुरू में तकरीबन 300 लोगों का परीक्षण किया था।
टोक्यो में भारतीय दूतावास ने सोमवार को ट्वीट कर पोत पर भारतीयों के होने की जानकारी दी। दूतावास ने कहा कि क्रूज़ डाइमंड प्रिंसेज पर चालक दल के सदस्यों में कई भारतीय हैं और पोत पर कुछ भारतीय यात्री भी सवार हैं। इसे जापान के अपतटीय क्षेत्र में कोरोना वायरस की वजह से अलग कर दिया गया है।
दूतावास ने पोत पर सवार भारतीयों की सटीक संख्या नहीं बताई। उसने कहा कि इस संबंध में किसी भी जानकारी के लिए टोक्यो में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (काउंसलर) से संपर्क करें।
पोत पर 168 भारतीय : हालांकि पोत सवार चालक दल के भारतीय सदस्य बिनय कुमार सरकार के हवाले से समाचार चैनल एनडीटीवी ने कहा कि पोत पर चालक दल के सदस्यों में 160 भारतीय हैं और आठ भारतीय मुसाफिर हैं।
सरकार ने पोत पर से वीडियो रिकॉर्ड करके भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र से भारतीयों को तत्काल अलग करने की अपील की। बंगाल के रहने वाले और खानसामा का काम करने वाले सरकार ने कहा कि उनमें से किसी की भी (कोरोना वायरस) जांच नहीं की गई है।
प्लीज हमें बचा लीजिए : सरकार के साथ उनके 5 भारतीय सहकर्मी खड़े हैं, जो मॉस्क पहने हुए हैं। उन्होंने कहा कि कृपया जल्द से जल्द हमें किसी तरह से बचा लें। अगर (हमें) कुछ हो गया तो क्या होगा... मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह करता हूं कि कृपया हमें अलग कराएं और वापस सुरक्षित घर ले जाएं।
समाचार एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक पोत में सवार लोगों को अलग करने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर वे जो पोत के अंदर उन कक्षों में हैं, जहां खिड़की नहीं है और वे लोग परेशान हैं जिन्हें पुरानी बीमारी की वजह से इलाज की जरूरत है। जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पोत सवार करीब 600 लोगों को फौरन इलाज की जरूरत है।