Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अमेरिकी-ताइवानी अधिकारियों की मुलाकात से भड़का चीन, अमेरिका, चीन के विमानवाहक पोत इलाके में पहुंचे

अमेरिकी-ताइवानी अधिकारियों की मुलाकात से भड़का चीन, अमेरिका, चीन के विमानवाहक पोत इलाके में पहुंचे
, गुरुवार, 6 अप्रैल 2023 (23:29 IST)
बीजिंग। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की वॉशिंगटन में हुई बैठक पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस बीच, चीन और अमेरिका ने अपनी-अपनी नौसेनाओं की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए ताइवान जलडमरुमध्य में विमान वाहक पोतों को गुजारा है। यह जलमडरुमध्य ताइवान को चीन की मुख्य भूमि से अलग करता है।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीनी नौसेना का बेड़ा विमान वाहक पोत शांडोंग के नेतृत्व में ताइवान के दक्षिण पूर्व जल क्षेत्र में पहुंचने से पहले बशी चैनल से गुजरा जो ताइवान को फिलीपीन से अलग करता है। हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ अखबार ने गुरुवार को खबर दी कि चीन का विमानवाहक पोत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के अपने पहले अभियान पर निकल रहा है।

ताइवान के रक्षा मंत्री चिऊ कुओ-चेंग ने बताया कि अमेरिका का विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज ताइवान के पूर्वी तट से करीब 400 समुद्री मील दूर गुजर रहा है। उन्होंने कहा, हम निश्चित तौर पर नहीं कह सकते कि वह (निमित्ज) शांडोंग की वजह से वहां मौजूद है, लेकिन इन दोनों घटनाओं का कुछ जुड़ाव हो सकता है।

चीन के आक्रामक रवैए के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की मेजबानी की और उन्हें अमेरिका का करीबी मित्र बताया। ताइवान की नेता के साथ अमेरिकी अधिकारी की यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक है।

चीन सरकार का दावा है कि ताइवान उसके क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है। चीन ने आठ महीने पहले भी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान अपने नौसेना बेड़े को जलडमरुमध्य में भेजा था और मिसाइल दागी थीं।

चीन ने इसी तरह का शक्ति प्रदर्शन अमेरिका में केविन मैक्कार्थी की साई के साथ हुई मुलाकात के बाद किया है।इस बीच, चीन ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग जोउ की मेजबानी कर रहा है जो बीजिंग समर्थक नेता माने जाते हैं। वह वर्ष 2008 से 2016 के बीच ताइवान के राष्ट्रपति थे।

मा बुधवार को चीन की मुख्य भूमि की यात्रा के अंतिम पड़ाव के तहत बुधवार को शंघाई बंदरगाह पहुंचे। इस अवसर पर चीनी नौसेना ने स्वशासित द्वीप के नजदीक गश्त की शुरुआत की। चीन के विदेश मंत्रालय ने साई-मैक्कार्थी की बैठक की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका, ताइवान और अमेरिका के अधिकारियों के बीच मुलाकात और अमेरिका-ताइवान संबंधों को बढ़ाकर ताइवान के अलगाववादियों को मंच प्रदान कर रहा है।

हालांकि मैक्कार्थी और साई कैलिफोर्निया में रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में एकजुटता दिखाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए नजर आए और ताइवान सरकार के खिलाफ चीन के खतरे को स्वीकार करते हुए दीर्घकालिक अमेरिकी नीति को बनाए रखने की बात की।

मैक्कार्थी ने मुलाकात के बाद कहा, ताइवान के लोगों के लिए अमेरिका का दृढ़, अटूट समर्थन कायम रहेगा।मैक्कार्थी ने कहा कि अमेरिका-ताइवान संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं। वहीं साई ने कहा, दृढ़ समर्थन ताइवान के लोगों को आश्वस्त करता है कि हम अलग-थलग नहीं हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार सुबह जारी एक बयान में, चीन ने इस बैठक को लेकर कहा कि वह राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ और सशक्त कदम उठाएगा। चीन ने अमेरिका से गलत और खतरनाक रास्ते पर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह किया।

चीन के विदेश मंत्रालय ने जोर दिया कि उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) हमेशा उच्च स्तरीय सतर्कता बरतती है और देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने को लेकर तत्पर है। साथ ही ताइवान जलडमरुमध्य के आसपास शांति व स्थिरता कायम रखने को लेकर प्रतिबद्ध है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि शांडोंग के ताइवान के दक्षिण में ओलान्पी से करीब 200 समुद्री मील दूर होने का पता चला है और वह ‘प्रशिक्षण मिशन’ पर है।

उन्होंने कहा, इस समय मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मंशा का आकलन कर रहे हैं। इसे लेकर कई संभावनाएं हैं और हम पहले ही जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी इस बारे में विस्तृत जानकारी देना उचित नहीं है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

सरकार ने स्कूल शिक्षा के लिए जारी किया नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा का मसौदा